Hindi, asked by arbindkumarkol1, 1 month ago

ii) ल्यप् प्रत्ययस्य उदाहरणम् अस्ति​

Answers

Answered by kushmita07
3

Answer:

1.) “ल्यप्” का “य” शेष रहता है । ल् और प् हट जाते हैं ।

(2.) इसका भूतकाल में ही प्रयोग होता है ।

(3.) इसका भी अर्थ “करके” होता है।

(4.) वाक्य में इसका प्रयोग भी प्रथम और गौण क्रिया के साथ ही होता है ।

(5.) यह भी दो वाक्यों को जोडने का काम करता है

(6.) इसका केवल एक ही परिस्थिति में प्रयोग होता है, जो महत्त्वपूर्ण है, और वह यह है कि जब धातु से पूर्व कोई उपसर्ग आ जाए तो “क्त्वा” के स्थान पर इसका (ल्यप्) प्रयोग होता है ।

क्त्वा का प्रयोगः—जब हम हस् धातु के साथ क्त्वा का प्रयोग करते हैं तो हसित्वा बनता है—

क्त्वा हस् हसित्वा

अब इसी हस् धातु से पूर्व “वि” उपसर्ग लाते हैं तो “विहस्य” बनेगाः–

वि हस् ल्यप्–

(गत्य , आगत्य , आनीय , आदाय, निरगम्य , विहाय)

Explanation:

..... Hope it's help you dear!!

Similar questions