II. निम्नलिखित गद्यांश पढकर प्रश्नों के उत्तर लिखिए ।
परोपकार अर्थत पर + उपकार थनि दूसरों का उपकार करना । जब हम निस्वार्थ भावना से
किसी दूसरे की सेवा करते हैं तो उसे परोपकार का नाम दिया जाता है । मदर तेरेसा, गाँधीजी व
विनोबा भावे ये ऐसे नाम हैं जिन्हों ने अपना जीवन दूसरों की सहायता हेतु समर्पित कर दिया । प्रत्येक
मनुष्य में ईश्वर का निवास होता है | इसलिए यदि मनुष्य से प्रेम करे, मुश्किल समय में एक दूसरे के
काम आए तो ईश्वर भी प्रसन्न होते हैं । “परहित करना ही सबसे बडा धर्म है | तुलसीदास ने भी कहा
कि परहित सरिस धर्म नहिं भाई" |
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प्रश्न:-
(क) मदर तेरेसा, गाँधीजी आदि ने अपना जीवन किस लिए अर्पित किया ?
1. दूसरों की सहायता हेतु
2. अपनों की सहायता हेतु
3. विदेशों की सहायता के लिए 4. स्वदेश की सहायता के लिए
(ख) ईश्वर कब प्रसन्न होते है ?
1. मुश्किल समय में एक दुसरे की काम आए तो 2. प्रार्थना करने से
3. मंदिर जाने से
4. स्कूल जाने से
(ग) सब से बडा धर्म क्या है ?
1. दूसरों को कष्ट पहुँचाना
2. परहित करना
3. चोरी करना
4. दूसरों से बात करने से
(घ) तुलसीदास जी ने क्या कहा ?
1. भगवान की प्रर्थाना करने की 2. समाज सेवा करने की
3. दूसरों की निंदा करने की
4. “परहित सरिस धर्म नहिं भाई".
(ड) इस गद्यांश का शीर्षक क्या हो सकता है ?
1. दूसरों का महत्व
2. दुनिया का महत्व
3. परिश्रम का महत्व
4.देश का महत्व
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