Hindi, asked by sheetal5565, 10 months ago

।।
।।



।।

II
|
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
गुरु की म
हिमा के बारे में कबीर क्या कहते हैं?
जीवन की नश्वरता के बारे में कबीर के क्या विचार हैं?
दया और धर्म के महत्व का वर्णन कीजिए।
समय के सदुपयोग के बारे में कबीर क्या कहते हैं?
कबीर के अनुसार ज्ञान का क्या महत्व है?
३)
० ०​

Answers

Answered by bhatiamona
2

Answer:

कबीर जी यह समझाना चाहते है : हमे ऐसी मधुर वाणी बोलनी चाहिए जिससे हमें शीतलता का अनुभव हो और साथ ही सुनने वाले  का मन भी प्रसन्न हो उठे।

हमें कटुर वचन नहीं बोलने चाहिए | हमेशा सबसे प्यार से और हंस के बात करनी चाहिए | खुद को भी सुख की अनुभूति होती  है।

कबीर ने उपर्युक्त दोहे में वाणी को अत्यधिक महत्त्वपूर्ण बताया है।  महाकवि संत कबीर दस के दोहे में कहा गया है की हमे ऐसी मधुर वाणी बोलनी चाहिए जिससे हमें शीतलता का अनुभव हो और साथ ही सुनने वालों का मन भी प्रसन्न हो उठे।  मधुर वाणी से समाज में एक-दूसरे से प्रेम की भावना का संचार होता है। जबकि कटु वचनो से सामाजिक प्राणी एक-दूसरे के विरोधी बन जाते है।  इसलिए हमेशा मीठा और उचित ही बोलना चाहिए, जो दुसरो को तो प्रसन्न करता ही है और खुद को भी सुख की अनुभूति कराता है।

समय के सदुपयोग के महत्व को समझते हुए कबीर दास जी ने कहा कि ''काल करे जो आज कर, आज करे सो अब।  

जीवन बहुत छोटा होता है , हमें कोई भी काम कल पर नहीं डालना चाहिए | जो काम है आज के आज खत्म कर लेना चाहिए | कल कभी नहीं आता |

दया और धर्म के महत्व का वर्णन कीजिए।

कबीर ने समाज में व्याप्त अनेक रूढ़ियों का खुलकर विरोध किया है। हिन्दी साहित्य  के लिए तरस रहा था। हिन्दू और मुस्लिम के बीच जाति - पांति, धर्म और मजहब की खाई गहरी होती जा रही थी। कबीर के अनुसार, जिसमें प्रेम, दया व करूणा भावना है वही सबसे बड़ा ज्ञानी है। बड़े – बड़े कबीर ने गुरु को बहुत महत्व दिया है।  

Similar questions