(ई)'नर समाज का भाग्य एक है, वह श्रम, वह भुजबल है|' जीवन की सफलता का मार्ग श्रम है| अपने विचार व्यक्त कीजिए|
Hindi Class X SCERT Telangana Ch 4
Answers
मानव समाज का एक ही भाग्य है वह हैं उसकी श्रम ओर भुजाओं की शक्ति|परिस्रामिव्यक्ति का जीवन बहोत सरल रहता हैं|उसकी सुविधाए सिमित रहते है मगर मन में प्रसन्नता बनी रहती हैं|सफलता का रास्ता परिश्रम हितो हैं|मानव परिश्रम से अपनी भाग्य रेखाको खुद बना सकता हैं|निरंतर श्रम से सफलता जरूर प्राप्त कर सकता हैं|परिश्रम ही सफालता का कुंजी हैं|जीवन के सारी इछाए सारी सुविधाए परिश्रम से ही प्राप्त हो सकते हैं|परिश्रम के सामने प्रकृति को भी झुकना पड़ता हैं|
प्रस्तुत प्रश्न कण कण का अधिकारी नामक कविता से लिया गया हैं|इस पाठ की विधा कविता हैं|कविता रसात्मक होती है|.डॉ रामधारी सिंह दिनकर हिंदी के प्रमुख कवी माने जाते है|इनका जन्म सन १९०८ में मुगेर में हुआ और मृत्यु सन १९७४ में हुआ|”उर्वशी” काव्य पर इनको ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला|रेणुका,कुरुक्षेत्र परसुराम की प्रतीक्षा आदि आदि इनकी प्रमुख रचनाए है| कवी ने इस कविता के माध्यम से मजदूरों के अधिकारों पर प्रकाश डाला हैं|
Answer:
मानव समाज का एक ही भाग्य है वह हैं उसकी श्रम ओर
भुजाओं की शक्ति परिस्रामिव्यक्ति का जीवन बहोत
सरल रहता हैं। उसकी सुविधाए सिमित रहते है मगर
मन में प्रसन्नता
बनी रहती हैं।सफलता का रास्ता परिश्रम हितो हैं। मानव परिश्रम से अपनी भाग्य रेखाको खुद बना
सकता
हैं|निरंतर श्रम से सफलता जरूर प्राप्त कर सकता हैं। परिश्रम ही सफालता का कुंजी हैं। जीवन के सारी इछाए सारी सुविधाए परिश्रम से ही प्राप्त हो सकते हैं। परिश्रम के सामने प्रकृति को भी झुकना पड़ता हैं।
प्रस्तुत प्रश्न कण कण का अधिकारी नामक कविता से लिया गया हैं। इस पाठ
की विधा कविता हैं| कविता रसात्मक होती है।.डॉ रामधारी सिंह दिनकर हिंदी के प्रमुख कवी माने जाते है।इनका जन्म सन १९०८ में मुगेर में हुआ और
मृत्यु सन १९७४ में हुआ।” उर्वशी" काव्य पर इनको
ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला रेणुका, कुरुक्षेत्र परसुराम की प्रतीक्षा आदि आदि इनकी प्रमुख रचनाए
है| कवी ने इस कविता के माध्यम से मजदूरों के अधिकारों पर प्रकाश डाला हैं।