(ii) 'सुजान भगक' कहानी में प्रेमचन्द क्या कहना चाहते हैं ?
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खिलाफ नहीं थे बल्कि स्वदेशी सामन्तवादिता के भी सख्त खिलाफ थे जिसके तहत उनकी दृष्टि में “यहाँ मजदूर, किसान व काश्तकार टूटे हुए दिखायी देते हैं।" प्रेमचन्द वस्तुतः एक तरीके के सांस्कृतिक परिवर्तन के पक्षधर थे और ये यहाँ आन्दोलन चाहते थे। ... 'सुजान भगत' कहानी का केन्द्रीय पात्र 'सुजान' एक किसान है।
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