(ii) संसदर्भ आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए
"मदिरा की वह नदी बहाती आती,
थके हुए जीवों को वह सस्नेह,
प्याला एक पिलाती,
सुलाती उन्हें अंक पर अपने,
दिखलाती फिर विस्मृत के वह अगनित मीठे सपने।"
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