Environmental Sciences, asked by loklokokojm3932, 1 year ago

ईंधन संरक्षण के छोटे चरण बड़े बदलाव कैसे कर सकते है ?

Answers

Answered by AaanyaKandwal
0
ईंधन से तात्पर्य ऐसे पदार्थों से है जिनका उपयोग ,वाहनों, मशीनों एवं कारखानों में ऊर्जा के स्त्रोत के रूप में होता है। पेट्रोलियम द्रव एवं कोयला ईंधन के मुख्य स्त्रोत हैं। पेट्रोलियम ईंधन का उपयोग मुख्य रूप से परिवहन के साधनो में और कोयले का उपयोग बिजली बनाने वाले संयंत्रो में होता है। पेट्रोलियम ईंधन भी कई प्रकार के होते हैं जैसे पेट्रोल या गैसोलीन,डीज़ल ,केरोसिन या मिटटी का तेल, ए टी ऍफ़ ,नेपथा ,प्राकृतिक गैस ,एलपीजी आदि। इन सभी पेट्रोलियम पदार्थों को खनिज तेल या क्रूड आयल के पृथक्करण से निकाला जाता है।
लाखों वर्ष पूर्व मृत वनस्पति और जीवों जैसे शैवाल और प्लवक आदि के चट्टानों के नीचे दबे रहने से , खनिज तेल का निर्माण हुआ। इसलिए इसे जीवाश्म ईंधन भी कहा जाता है।चूँकि इन्हें पुनः उत्पादित नहीं किया जा सकता ,इसलिए इन्हें अनवीकरणीय या अपूर्य ऊर्जा स्त्रोत भी कहते हैं।
त्वरित और सरल ईंधन होने के कारण पिछले कई दशकों से पेट्रोलियम ईंधन संपूर्ण विश्व में बहुतायत से उपयोग किया जा रहा है। पेट्रोलियम ईंधन की सीमित मात्रा ही उपलब्ध है इसलिए मानव समाज का दायित्व है कि इस का संरक्षण करें। अगर वर्तमान में हम खनिज तेल का संरक्षण करेंगे तो ही यह आगे आने वाली पीढ़ी को उपलब्ध होगा। साथ साथ ईंधन का संरक्षण कर हम पर्यावरण को भी कम दूषित करते हैं।
Similar questions