(ii)
विनयशील अलोपीदीन के सामने वंशीधर की आँखें कैसी हो गई ?
(क) डबडबाई हुई
(ग) घृणामयी
(ख) क्रोधपूर्ण
(घ) द्वेषपूर्ण
Answers
सही विकल्प है...
➲ (क) डबडबाई हुई
✎... विनय शील अलोपदीन के सामने वंशीधर की आँखें डबडबाई सी हो गईं।
‘नमक का दरोगा’ कहानी में जब वंशीधर की कर्तव्यनिष्ठा के आगे अलोपदीन की एक न चली और वंशीधर ने उनके माल को पकड़ लिया, लेकिन अलोपदीन अपने धनबल के सहारे अदालत में से निर्दोष छूट गए। लेकिन उन्हें पता था कि उन्होंने गलत कार्य किया था और वह बंशीधर की कर्तव्यनिष्ठा से बेहद प्रभावित हुए। इसी कारण उन्होंने अपनी फर्म में वंशीधर को मैनेजर के पद का प्रस्ताव दिया। पहले तो वंशीधर ने उनकी बात को मानने से इंकार कर दिया लेकिन बंशीधर के विनय शील स्वभाव के सामने बंशीधर झुक गए और अंततः डबडबाई आँखों से मैनेजरी के कागज पर हस्ताक्षर कर दिए।
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