Hindi, asked by beerappamural06034, 6 months ago

III. हर व्यक्ति अपने बचपन में खेलने का शौक रखता है। बचपन में खेले जानेवाले खेल अनेक प्रकार
के होते हैं। आप अपने बचपन में खेले गए खेलों के बारे में अपने विचार लिखिए:​

Answers

Answered by nancyverma42
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भारत हमेशा से संस्कृति और परंपरा से समृद्ध रहा है! और खेल, हमेशा से ही भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहें हैं। चाहे भगवान शिव और उनकी पत्नी पार्वती के बीच पचीसी का खेल हो, पांडवों द्वारा पासे के खेल में द्रौपदी को हार जाना या दोपहर के बाद शतरंज के खेल का आनंद लेने वाले मुगल; खेल और खेलने वाले हमेशा से भारत के इतिहास और पौराणिक कथाओं में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते आये हैं।

धीरे-धीरे समय बदल गया और इसके साथ ही बदलाव आये हमारे खेलों में भी। प्ले स्टेशन, वीडियो गेम और गैजेट के समय में, हम सभी भारत के पारंपरिक खेलों को शायद भूल ही गए हैं। याद है कैसे हम स्कूल खत्म होने तक का इंतजार नहीं कर पाते थे ताकि हम अपने दोस्तों के साथ जाकर किठ-किठ खेल सकें?सतोलिया (पिट्ठू या लगोरी)

गुट्टे या किट्ठु

कंचा

खो-खो

गिल्ली-डंडा

पोशम्पा

चौपड़/पचीसी

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