Hindi, asked by kanikafootball7777ch, 4 months ago


(iii) (ii) या मुरली मुरलीधर की अधरान धरी अधरा न धरौंगी।इस पंक्ति में गोपी के किस मनोभाव का पता
चलता है?​

Answers

Answered by dhirendersingh19733
3

Answer:

इस वाक्य में अनुप्रास अलंकार का प्रयोग हुआ है। कवि ने ब्रजभाषा का प्रयोग बड़ी दक्षता के साथ किया है। इस छोटी सी पंक्ति से कवि ने बहुत बड़ी बात व्यक्त की है। गोपियाँ कृष्ण का रूप धरने को तैयार हैं लेकिन उनकी मुरली को अपने होठों से लगाने को तैयार नहीं हैं। ऐसा इसलिए है कि वह मुरली गोपियों को किसी सौतन की तरह लगती है जो सदैव कृष्ण के अधरों से लगी रहती है।


kanikafootball7777ch: thank
kanikafootball7777ch: you
Similar questions