(iii) सुभद्रा कुमारी चौहान हिन्दी की कवयित्री थीं।
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सुभद्रा कुमारी चौहान (१६ अगस्त १९०४-१५ फरवरी १९४८) हिन्दी की सुप्रसिद्ध कवयित्री और लेखिका थीं। उनके दो कविता संग्रह तथा तीन कथा संग्रह प्रकाशित हुए पर उनकी प्रसिद्धि झाँसी की रानी (कविता) के कारण है।
पिता रामनाथ सिंह ज़मींदार थे लेकिन पढ़ाई को लेकर जागरूक भी थे। अपनी प्रतिभा को दिखाते हुए सुभद्रा ने भी बचपन से ही कविता कहना शुरू कर दिया था। पहली कविता 9 साल की उम्र में छपी जिसे उन्होंने एक नीम के पेड़ पर ही लिख दिया था।
वह न सिर्फ़ कुछ ही देर में कविता लिख देती थीं बल्कि पढ़ाई में भी अव्वल थीं। ज़ाहिर था कि जितनी पसंदीदा वह अपनी अध्यापिकाओं की हो गयीं, उतनी ही सहपाठियों की भी। बचपन में कविता लिखने का जो सिलसिला शुरू हुआ तो फिर ताउम्र रहा।
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