(iii) त्रिपथगा नदी का उच्यते?
Answers
Answered by
6
Explanation:
आज पृथ्वी पर अवतरित – गंगा नदी; आवास- कैलाश पर्वत, देवलोक – गंगा ज्येष्ठ मास, शुक्ल पक्ष, तिथि दशमी, दिन मंगलवार, हस्त नक्षत्र पर अवतरित हुई। मंत्र : ॐ हिलि हिलि मिली मिली गंगा देवी नमः ;
गंगा एकमात्र ऐसी नदी है जो तीनों लोकों में बहती है-स्वर्ग, पृथ्वी, तथा पाताल। इसलिए संस्कृत भाषा में उसे “त्रिपथगा” (तीनों लोकों में बहने वाली) कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि सरस्वती नदी के समान ही, कलयुग (वर्तमान का अंधकारमय काल) के अंत तक गंगा पूरी तरह से सूख जायेगी और उसके साथ ही यह युग भी समाप्त हो जायेगा। उसके बाद सतयुग (अर्थात सत्य का काल) का उदय होगा।
Similar questions