'ईमानदारी का इनाम' विषय पर लगभग १००-१२० शब्दों में लघुकथा लिखिए । plz tell me fast
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लकड़हारा कुल्हाड़ी देखकर बोला, ” जी हाँ, यह मेरी कुल्हाड़ी है. आपका धन्यवाद. भगवान लकड़हारे की ईमानदारी देखकर बहुत प्रभावित हुए. उन्होंने उसे लोहे की कुल्हाड़ी दे दी, साथ में उसे दो कुल्हाड़ी उसकी ईमानदारी के लिए ईनाम में भी दी.
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एक लक्कड हारा अपने परिवार के साथ रहता था जंगल मे लकडी काटने के लिए जाता था आज भी लकडी काटने के लिए जंगल मे गया और लकडी काटना शुरू किया तभी उसकी कुल्हाडी नदी के पानी मे गिर गई तभ वह एक नदि के पत्थर के पास बेठकर होने लगा तभी भगवान नदि से निकलकर उसके सामने आये भगवान ने कहा तुम क्यू रो रहे होतब लक्कड हारा ने कहा मे पानी मे गिर गई है अब मे लकडी कैसे करुंगा कभी भगवान पाणी मे गये और एक सोने की कुल्हाडी लाई भगवान ने कहा की क्या ये तुम्हारी कुल्हाडी है लक्कड हारा नही कहा भगवान फिर एक बार पाणी मे गये और एक चांदी की कुल्हाडी लाई भगवान ने कहा की क्या ये तुम्हारी कुल्हाडी है लक्कड हारा नही कहा भगवान फिर एक बार पानी मे गये और इस बार उन्होने लक्कड हारा की कुऱ्हाडी लाई लक्कड हारा अपनी कुल्हाडी बहुत खूश हुआ भगवान ने कहा क्या है तुम्हारे कुलाडी है लक्कड हारा ने हा कहा. भगवान ने कहा तुम बहुत अच्छे हो मै तुमे ये तीनो कुल्हाडी देता हू