ईमानदारी पर 10 वाक्य
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1. हमे हमेशा ईमानदार रहना चाहिए
2.ईमानदार लोगों पर सब भरोसा करते ही
1. ईमानदारी अर्थात शुद्ध हिन्दी में सत्यपरायणता या धर्मपरायणता कहा जाने वाला गुण है।
2. धर्म ही सत्य है और सत्य ही धर्म है अर्थात यह सीधे-सीधे सत्य से जुड़ा हुआ है।
3. सत्य का पालन करने का अर्थ लोग केवल सत्यवादिता समझ लेते है परन्तु इसका अर्थ है मन, कर्म, वचन तीनो में सत्य का पालन करना।
4. मन से सत्य का पालन करना अर्थात अपने मन में कभी किसी के साथ अधर्म करने की इच्छा न करना।
5. कर्म में सत्यपालन अर्थात अपने कर्तव्यों का पूरी निष्ठा से पालन करना।
6. वचन में सत्य पालन का अर्थ है कि जैसा है वैसा ही बोला जाए घुमा-फिरा कर शब्दों में उलझाकर किसी को भ्रमित करना भी असत्य पालन ही कहलायेगा।
7. ईमानदारी अर्थात सत्यनिष्ठा को अपने जीवन में उतारना मनुष्य का परम कर्तव्य है।
8. ईमानदारी की राह से वही लोग भटक सकते है जिनके अन्दर स्वाभिमान नाम का कोई गुण ही न हो।
9. स्वाभिमानी व्यक्ति ही इस गुण के मह्त्व को समझते है और इसको अपने भीतर समाहित करते है।
10. ईमानदारी ही मनुष्य को सही अर्थों में मनुष्य बनाती है।