ईश्वर भक्ति आपके अपने कर्म से कैसी होती है
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ईश्वर प्रणिधान का अर्थ है सब कर्मों को ईश्वर आधीन मानकर उसी की सेवा में अर्पण कर देना।भक्त जो भी काम करता है उसे वह पूरी सावधानी से करता है क्योंकि वह जानता है कि वह अपने सारे कर्म ईश्वर को अर्पण करता है। इस बात से पता चलता है कि ईश्वर भक्ति हमारे अपने कर्म से होती है।
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