ईश्वर भक्ति में नामस्मरण का महत्व होता है इस विषय पर अपना
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ईश्वर भक्ति में नामस्मरण का महत्व होता है इस विषय पर अपना मंतव्य लिखिए :
ईश्वर भक्ति में नाम स्मरण का बेहद महत्व होता है। यूँ तो ईश्वर भक्ति के अनेक मार्ग है , लेकिन ईश्वर की भक्ति करने का सबसे सरल मार्ग है, ईश्वर के नाम का निरंतर स्मरण करना है।
ईश्वर भक्ति में नामस्मरण का बेहद महत्व है, क्योंकि ईश्वर के नाम स्मरण करने के लिए कोई विशेष नियम नहीं होता। ईश्वर के प्रति भक्तिभाव प्रकट करते हुए भक्त जब चाहे जिस हालत में कहीं पर भी सोते, जागते, चलते-फिरते, हँसते-गाते हर जगह ईश्वर के नाम का स्मरण कर सकता है। इसमें किसी लंबे चौड़े विधि विधान या कर्मकांड की आवश्यकता नहीं पड़ती। इसीलिए अधिकतर लोग ईश्वर की भक्ति का यही मार्ग अपनाते हैं। भजन कीर्तन आदि के माध्यम से भी ईश्वर के नाम का स्मरण किया जाता है, जिसमें भजन-कीर्तन के माध्यम से ईश्वर की महिमा का गुणगान किया जाता है, जो निरंतर ईश्वर के नाम का स्मरण करता रहता है। उसे किसी भी पूजा स्थल में जाकर ईश्वर की आराधना करने की जरूरत नहीं पड़ती। जो हर पल ईश्वर के नाम का स्मरण करता रहता है उसके अंदर ईश्वर स्वयं वास करते हैं, और उसका मन एक मंदिर के समान हो जाता है।