Hindi, asked by latte2412005, 5 months ago

ईश्वर भक्ति ने कबीर के अहंकार को दूर कर दिया। आप इस दोहे को पढ़कर क्या समझे है ? अपने विचार लिखिए। 'जब में था तव हरि नहीं अद हरि है में नौहि। सव औधियारा मिटि गया जव दीपक देख्या मौहि ॥'​

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Answered by Anonymous
10

Answer:

जब तक मन में अहंकार था तब तक ईश्वर का साक्षात्कार न हुआ, जब अहंकार समाप्त हुआ तभी प्रभु मिले | जब ईश्वर का साक्षात्कार हुआ, तब अहंकार स्वत: ही नष्ट हो गया। ईश्वर की सत्ता का बोध तभी हुआ।

Hope it is helpful.

Answered by Tiachaudhary
4

Answer:

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