Hindi, asked by SonaBhardwaj, 6 months ago

ईश्वर का सर्वश्रेष्ठ नाम
ओ३म् की महिमा
(1) ओ३म् नाम भगवान का सर्वानन्द निधान, सब नामों में श्रेष्ठ
है करते वेद बखान।
(2) ओ३म् नाम के जप से मनुष्य धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष
सभी सुखों का स्वामी बन जाता है।
(3) वाणी में पवित्रता आती है।
(4) मनुष्य की सभी शुभकामनाएँ पूर्ण हो जाती हैं।
(5) ओ३म् नाम ही इस संसार का एकमात्र रत्नकोष है। विश्व
के समस्त रत्नकोष को प्राप्त कर लेने पर जितना आनन्द प्राप्त होता
है उससे अधिक आनन्द ओ३म् नाम के अमृत रस से भक्तों को प्राप्त
होता है।
(6) ओ३म् जगत् का अनुपम आधार है।
(7) ओ३म् नाम का गुणगान करने वाला मनुष्य किसी से पराजित
नहीं होता है।
(8) ओ३म् नाम मानव के मन-मन्दिर की ज्योति का प्रकाश है।
(9) ओ३म् नाम के जप से रसना रसीली हो जाती है।
(10) ओ३म् नाम का जप करने से मानव विश्व के वैभव का स्वामी
बन जाता है।
(11) ओ३म् नाम का जप करने वाला जीवन-संग्राम में कभी निराश

नैतिक शिक्षा (कक्षा-8) / 9


(Is path se do MCQ que banae ans ke sath)​

Answers

Answered by smitasinha058
4

Answer:

पाठ संख्या-2  (ओ३म् की महिमा )

प्रश्न -1  भगवान् का सर्वश्रेष्ठ नाम क्या है ?

उत्तर- भगवान् का सर्वश्रेष्ठ नाम  ओ३म् है |     

”है यही अनादी नाद निर्विकल्प निर्विवाद “ (पंक्तियाँ पूरी कीजिए )

प्रश्न-2    वाणी में पवित्रता किसके जाप से आती है ?

उत्तर-  वाणी में पवित्रता ओ३म्  नाम के जाप से आती है |

प्रश्न-3    जगत का अनुपम आधार कौन है ?

उत्तर-   जगत का अनुपम आधार ओ३म् है |

प्रश्न-4 मन मन्दिर की ज्योति का प्रकाश पुंज कौन है ?

उत्तर- मन मन्दिर की ज्योति का प्रकाश पुंज ओ३म् है |

प्रश्न-5   ओ३म् नाम को प्राप्त कर लेने पर मनुष्य की कैसी निष्ठा बन जाती है ?

उत्तर- ओ३म् नाम को प्राप्त कर लेने पर मनुष्य की ऐसी निष्ठा बन जाती है कि- वह लाख   

 को छोड़ कर ओ३म् नाम के जाप में मगन  हो जाता है |

प्रश्न -6          ओ३म् शब्द की व्याख्या कीजिए

उत्तर-                    ओ३म् नाम सबसे बड़ा इससे बड़ा ना कोय  |

                              जो इसका सुमिरन करे शुद्ध आत्मा होय || 

 ईश्वर नें सारी सृष्टि को बनाया है | वही इसका पालन करता है और अन्त  में समेट लेता है |  ओ३म् शब्द में तीन अक्षर है अ उ और म | ये तीन अक्षर ही तो सृष्टि के आदि मध्य और अन्त  के द्योतक हैं | यही ओम् सबका प्राण है | सृष्टि का सबसे पहला नाद ओ३म् था | मानव का यही आदि  मध्य अन्त है | यही  परमेश्वर का उसका अपना निज नाम और सर्वोत्तम नाम है |

प्रश्न -7 गुरु नानकदेव जी नें ओम् के विषय में क्या कहा है ?

उत्तर-  श्री गुरू नानक देव नें ओम् के विषय में कहा है कि-  “ एक ओंकार सत् नाम कर्ता पुरख “ = अर्थात् ओम् और ओंकार दोनों का तात्पर्य एक ही  है |

प्रश्न-8 ओ३म् नाम का महत्व स्पष्ट कीजिए ?

उत्तर-  ओ३म् नाम सबसे बड़ा -----------आत्मा होय | (पंक्तियाँ पूरी लिखिए )

1.ओ३म् नाम के जाप से मनुष्य धर्म अर्थ काम और मोक्ष का स्वामी बन जाता है |

2.वाणी में पवित्रता आती है ओम् के जाप से मनुष्य की सभी कामनाएँ पूर्ण हो जाती है |

3.ओ3म् ही तो सारे जगत का आधार है |

4.ओम् नाम के जाप से रसना रसीली हो जाती है |

5. ओम् नाम का जाप करने वाला मनुष्य जीवन में कभी भी निराश नहीं होता है | निश्चित रूप से ओ३म् का मानसिक जाप हृदय में ज्योति प्रकट करता है | कहा भी गया है –

        “ जबहिं नाम ------------------------ पुरानी घास ” (पंक्तियाँ पूरी लिखिए )  |

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