ईश्वर व भगवान में क्या अंतर है
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भगवान शब्द “सगुण साकार ब्रह्म” का द्योतक है किंतु “ईश्वर” शब्द देवता, ब्रह्म, परमात्मा, भगवान — सभी के लिए प्रयुक्त होता है जो जन्म मरण के चक्र का अतिक्रमण कर चुके हैं वे भगवान हैं क्योंकि उन्होंने भगवत्ता प्राप्त कर ली है।ईश्वर एक हैं जो पूरी सृष्टि के एकमात्र मालिक हैं और सृष्टि संबंधी सब नियंत्रण उन्हीं के पास है।
Explanation:
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कोई अंतर नहीं है। शब्दार्थ इस प्रकार है।
(ईश ऐश्वर्ये) इस धातु से ‘ईश्वर’ शब्द सिद्ध होता है। ‘य ईष्टे सर्वैश्वर्यवान् वर्त्तते स ईश्वरः’ जिस का सत्य विचारशील ज्ञान और अनन्त ऐश्वर्य है, इससे उस परमात्मा का नाम ‘ईश्वर’ है। (भज सेवायाम्) इस धातु से ‘भग’ इससे मतुप् होने से ‘भगवान्’ शब्द सिद्ध होता है। ‘भगः सकलैश्वर्यं सेवनं वा विद्यते यस्य स भगवान्’ जो समग्र ऐश्वर्य से युक्त वा भजने के योग्य है, इसीलिए उस ईश्वर का नाम ‘भगवान्’ है।