ईद के त्यौहार पर निबंध।
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मीठी ईद को ईद-उल-फितर के नाम से भी जाना जाता है। वहीं बकरा ईद को बकरीद या ईद-उल-अजहा भी कहते हैं। मुस्लिम समुदाय के लिए यह त्योहार सबसे अधिक प्रसन्नता का त्योहार माना जाता है। ईद की गणना हिज़ी कैलेंडर और चांद के उदय के माध्यम से की जाती है।
इस्लाम में ईद का दिन बहुत ही खुशी का दिन माना गया है। ईद के दिन बंदे न केवल अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं, बल्कि वे अपने और अपने करीबी लोगों के लिए अल्लाह से दुआ भी करते हैं। एक इस्लामिक कैलेंडर में दो बार ईद मनाई जाती है। ईद-उल-फित्र और ईद-उल-अज़हा।
ईद-उल-फित्र का दिन पवित्र रमज़ान माह के बाद आता है, जब सभी लोग पूरे माह रमज़ान के रोज़े रखने के बाद अल्लाह से दुआ करते हैं। इसके बाद शव्वाल माह आता है और इस्लामिक कैलेंडर के आखिरी साल में ज़ुल हज माह की 10 तारीख को ईद-उल-अज़हा मनाई जाती है। इस दिन हाजी हज़रात का हज पूरा होता है और पूरी दुनिया में लोग कुर्बानी देते हैं।