ईदगाह कहानी के आधार पर हामिद का चरित्र चित्रण कीजिए
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‘ईदगाह’ कहानी के हामिद का चरित्र-चित्रण : हामिद की आयु यूं तो 4 से 5 वर्ष के बीच है परंतु वह अपनी उम्र से ज्यादा समझदार दिखता है जिस तरह की समझदारी उसने दिखाई वैसी समझदारी तो बड़ी आयु के लोग ही दिखा सकते हैं। इस प्रकार वो अपनी आयुकाल से बहुत आगे है।
उसके मन में अपनी दादी के प्रति प्रेम है, संवेदना है, वह पैसे के महत्व को समझता है और अपनी आयु के अन्य बच्चों की तरह पैसों को अपनी मौज मस्ती में खर्च नही करता। उसे मालूम है कि उसकी दादी गरीब है और इसलिए वो पैसे समझदारी से खर्च करता है। जब उसके मित्र उसके दोस्त उसका मजाक उड़ाते हैं तो वह बिल्कुल भी घबराता नहीं है और शांत रहता है।
हामिद के अंदर चतुराई भी है, वह जानता है कि उसके पास कम पैसे हैं और उसके दोस्त जब पैसे मिठाई-खिलौनों आदि में पैसे खर्च करते हैं तो वो खिलौनों और मिठाई की बुराइयां बताकर दोस्तों के सामने अपनी निर्धनता छुपाकर स्वयं को शर्मिंदा होने से बचा लेता है।
हामिद बेहद भावुक और संवदेशील है और वो अपनी दादी से प्रेम करने वाला है। जब वो ये देखता है कि उसकी दादी बिना चिमटे के रोटी बनाती है जिस कारण उसकी दादी के हाथ जल जाते हैं तो वह अपनी दादी की सुविधा के लिए दादी द्वारा मेले में उसको खाने-खिलौने के लिए दिये गये पैसों से चिमटा खरीद लेता है।
यह सब बातें उसकी समझदारी, संवेदनशीलता और अपनी दादी के प्रति प्रेम को दर्शाती हैं। इस प्रकार हामिद एक समझदार, शांत, मितव्ययी और संवेदनशील लड़का है।
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