इलाज से परहेज बेहतर कया अाप इस कथन से सहमत हैं ।
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Answer:
Haa mei sehmat hu kyuki
Explanation:
कहावत ’रोकथाम इलाज से बेहतर है’ हमें बीमार होने से बचाने और अच्छी स्थिति में रहने में हमारी मदद करने के लिए एक अच्छा शिक्षण है। इस कहावत का अर्थ हमारे जीवन के दैनिक क्षेत्र में हमारे अनुकूल है। यह हमारे लिए अच्छा उदाहरण है कि हमारे दुर्भाग्य को भी सौभाग्य में बदला जा सकता है, यदि हम मुसीबतों से दूर रहने और खुश रहने के लिए सावधानी बरतें।
मान लीजिए कि, हम वर्ष भर अपनी पढ़ाई की उपेक्षा करते हैं, लेकिन परीक्षा की तारीखों के जारी होने के बाद ही अध्ययन शुरू करते हैं; फिर क्या होता है, यह केवल हमारे मन और शरीर पर दबाव बनाएगा। यह अंततः दिल की धड़कन, तनाव और चिंता को बढाता है जो हमें बीमारी और फिर इलाज की ओर ले जाता है।
इलाज से बेहतर परहेज
इलाज करने से बेहतर परहेज करना है। इस कथन से पूरी तरह सहमत हुआ जा सकता है। यह बात जीवन के किसी भी क्षेत्र में लागू हो सकती है। जरूरी नहीं है यह बात किसी बीमारी के संदर्भ में ही सत्य हो। यह बात अलग है कि इस कथन को बीमारी के संदर्भ में अधिक प्रयुक्त किया जाता है। सरल अर्थों में तो इस बात का मतलब है कि किसी समस्या को उत्पन्न होने ही न दिया जाये। यानि किसी ऐसा पूरी सावधानी बरतते हुए ऐसा कोई भी कार्य न किया जाये जिससे कोई समस्या उत्पन्न हो, इससे समस्या के निदान संबंधी तकलीफों से बचा जा सकता है।
बीमारी के संदर्भ में ही इस बात पर विवेचन करें तो हम शुरू से ही अपने खान-पान को नियंत्रित करें और स्वास्थ्यवर्धक चीजें खाएं। अपनी जीभ के स्वाद को महत्व ना देकर अपने शरीर में पोषक तत्वों की मांग को देखें तो हम स्वयं को स्वस्थ रख पाएंगे।
कुछ चीजें ऐसी होती हैं जो जीभ को तो स्वाद देती हैं, लेकिन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती हैं। ऐसे खाद्य पदार्थों का परहेज करना सबसे बेहतर उपाय है। यदि हम ऐसी चीजों से परहेज करें तो हमें कोई बीमारी ही नहीं होगी तो और अगर हमें कोई बीमारी नहीं होगी तो हमें इलाज की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। इसलिए इलाज करने से बेहतर है परहेज करना। ऐसी नौबत ही नहीं आने देती हमें कोई बीमारी हो। परहेज करके ही हम अपने शरीर को बीमारी से बचा कर रखें। इसलिए यह कथन इलाज से बेहतर परहेज एकदम सटीक और सत्य है।