इलेक्ट्रॉन sthanantaran द्वारा सोडियम क्लोराइड के निर्माण की व्याख्या kijiye
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एक इलेक्ट्रॉन खोने के कारण सोडियम पर एक धन आवेश (positive charge) आ जाता है तथा एक इलेक्ट्रॉन प्राप्त करने के कारण क्लोरीन पर एक ॠण आवेश (negative charge) आ जाता है. उसके बाद सोडियम आयन (sodium ion, Na +) तथा क्लोरीन आयन (chloride ion, Cl–) के योग के कारण सोडियम क्लोराईड (NaCl) बनता है.
हमें इलेक्ट्रॉन स्थानांतरण द्वारा सोडियम क्लोराइड के निर्माण की व्यख्या करनी है ।
हल : सोडियम क्लोराइड , दो तत्व सोडियम और क्लोरीन के आयनिक बंधन से प्राप्त होता है ।
अगर आप को याद हो तो आयनिक बंधन में एक तत्व , जो कि धातु होंगे, अपने बाहरी शैल में उपस्थित इलेक्ट्रॉन को दूसरे तत्व ,जो अधातु होंगे, को पूर्ण रूप से प्रदान करता है जिससे दोनों तत्वों में एक दूसरे के विपरीत आवेश का निर्माण होता है और फलस्वरूप वे एक आयनिक यौगिक बनाते हैं ।
यहाँ पहला तत्व , जो कि सोडियम है , का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 1s² , 2s², 2p⁶, 3s¹ है वहीं दूसरा तत्व जो कि क्लोरीन है, का इलेक्ट्रोनिक विन्यास 1s², 2s², 2p⁶ , 3s², 3p⁵ है अतः यह स्पष्ट है कि सोडियम एक इलेक्ट्रॉन को त्याग कर धनात्मक आयन बनाएगा वही त्याग किये गए इलेक्ट्रॉन को प्राप्त कर क्लोरीन ऋणात्मक आयन बनाएगा । अब दोनों विपरीत आवेश होने के कारण आपस मे आयनिक बंधन का निर्माण का NaCl यौगिक बनायेगें ।
अर्थात, Na ⇒ Na⁺ + e¯
1/2Cl₂ + e¯ ⇒Cl¯
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Na + 1/2 Cl₂ ⇒NaCl