इल्तुतमिश कौन था? उसने कठिनाइयों पर कैसे विजय प्राप्त की ?
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उत्तर:
इल्तुतमिश इलबारी कबीले का तुर्क था। बाल्यकाल में ही उसके ईर्ष्यालु भाइयों ने उसे दास के रूप में जमालुद्दीन नामक व्यापारी के हाथ बेच दिया था। जमालुद्दीन उसको गजनी से दिल्ली लाया। इल्तुतमिश के गुणों से प्रभावित होकर कुतुबुद्दीन ऐबक ने उसे जमालुद्दीन से खरीद लिया। पहले उसे ऐबक ने ग्वालियर का गवर्नर नियुक्त किया तथा कुछ काल के पश्चात् ‘बरन’ का शासक बनाया गया।
कुतुबुद्दीन उसके गुणों से पहले ही बहुत प्रभावित हो चुका था। अतः अपनी पुत्री का विवाह उसके साथ कर उसे बदायूँ का सूबेदार नियुक्त कर दिया। कुतुबुद्दीन ऐबक की मृत्यु के पश्चात् इल्तुतमिश आरामशाह को पराजित कर 1211 ई. में दिल्ली का सुल्तान बना। अपनी प्रतिभा तथा योग्यता से उसने लगभग 25 वर्षों तक शासन कर दिल्ली सल्तनत को शक्तिशाली बनाया।
इल्तुतमिश ने अपनी कठिनाइयों का समाधान निम्न प्रकार से किया –
- चालीस मण्डल का गठन :
इल्तुतमिश ने अपने विरोधियों का दमन करने के लिए तथा अपनी स्थिति को दृढ़ करने के लिए अपने प्रति निष्ठावान् चालीस अमीरों का दल बनाया तथा उन्हें प्रशासन के मुख्य पदों पर नियुक्त किया।
- यल्दौज का दमन :
यल्दौज गजनी का सुल्तान था। इल्तुतमिश ने तराइन के मैदान में यल्दौज से युद्ध कर उसे पराजित किया।
- कुबाचा का दमन :
इल्तुतमिश ने 1227 ई. में कुबाचा पर आक्रमण किया तथा उसे पराजित कर अपनी अधीनता में किया।
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Explanation:
शम्सुद्दीन इल्तुतमिश दिल्ली सल्तनत में शम्सी वंंश का एक प्रमुख शासक था। तुर्की-राज्य संस्थापक कुतुब-उद-दीन ऐबक के बाद वो उन शासकों में से था जिससे दिल्ली सल्तनत की नींव मजबूत हुई। वह ऐबक का दामाद भी था। उसने 1211 इस्वी से 1236 इस्वी तक शासन किया।
प्रतिद्वंदी
कठिनाइयों से सामना
मंगोलों से बचाव
विजय अभियान
वैध सुल्तान एवं उपाधि
सिक्कों का प्रयोग
मृत्यु
निर्माण कार्य