इमानि पदानि प्रयुज्य वाक्यानि रचयत
1. विक्लवाः, 2. कदाचित्, 3. कामम्, 4. प्रीतहृदयः
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लक्ष्मीम् प्राप्य राजानः विक्लवाः भवन्ति। (लक्ष्मी को प्राप्त कर राजा प्रायः बेचैन हो जाते हैं।)
कदाचित् सः अद्य आगमिष्यति। (शायद वह आज आयेगा।)
कामं भवान् प्रकृत्या एव धीरः। (आप स्वभाव से पर्याप्त वीर हैं।)
.प्रीतहृदयः चन्द्रापीडः स्वभवनं गच्छति। (प्रसन्न हृदय चन्द्रापीड अपने भवन को जाता है।)
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hiii
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लक्ष्मीम् प्राप्य राजानः विक्लवाः भवन्ति। (लक्ष्मी को प्राप्त कर राजा प्रायः बेचैन हो जाते हैं।)
कदाचित् सः अद्य आगमिष्यति। (शायद वह आज आयेगा।)
कामं भवान् प्रकृत्या एव धीरः। (आप स्वभाव से पर्याप्त वीर हैं।)
.प्रीतहृदयः चन्द्रापीडः स्वभवनं गच्छति। (प्रसन्न हृदय चन्द्रापीड अपने भवन को जाता है।)
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