Hindi, asked by yogesh7074, 5 months ago

imandari par Kavita​

Answers

Answered by sankarjitdutta1970
0

Explanation:

भीड़ नहीं होती वहाँ, राह जहाँ ईमान

भीड़ नहीं होती वहाँ, राह जहाँ ईमानशाँतिपूर्ण जीवन जिएँ, हँसी खुशी इंसान

भीड़ नहीं होती वहाँ, राह जहाँ ईमानशाँतिपूर्ण जीवन जिएँ, हँसी खुशी इंसानईमान धर्म मानकर, करते जो निज कार्य

भीड़ नहीं होती वहाँ, राह जहाँ ईमानशाँतिपूर्ण जीवन जिएँ, हँसी खुशी इंसानईमान धर्म मानकर, करते जो निज कार्यमोह त्याग करना उन्हें, होता है अनिवार्य

भीड़ नहीं होती वहाँ, राह जहाँ ईमानशाँतिपूर्ण जीवन जिएँ, हँसी खुशी इंसानईमान धर्म मानकर, करते जो निज कार्यमोह त्याग करना उन्हें, होता है अनिवार्यउनका करना अनुसरण, चले जो सत्य राह

भीड़ नहीं होती वहाँ, राह जहाँ ईमानशाँतिपूर्ण जीवन जिएँ, हँसी खुशी इंसानईमान धर्म मानकर, करते जो निज कार्यमोह त्याग करना उन्हें, होता है अनिवार्यउनका करना अनुसरण, चले जो सत्य राहमदद करे जो दूसरों, उसी की वाह-वाह

भीड़ नहीं होती वहाँ, राह जहाँ ईमानशाँतिपूर्ण जीवन जिएँ, हँसी खुशी इंसानईमान धर्म मानकर, करते जो निज कार्यमोह त्याग करना उन्हें, होता है अनिवार्यउनका करना अनुसरण, चले जो सत्य राहमदद करे जो दूसरों, उसी की वाह-वाहकिए गए हर कर्म का, मिले यहीं परिणाम।

भीड़ नहीं होती वहाँ, राह जहाँ ईमानशाँतिपूर्ण जीवन जिएँ, हँसी खुशी इंसानईमान धर्म मानकर, करते जो निज कार्यमोह त्याग करना उन्हें, होता है अनिवार्यउनका करना अनुसरण, चले जो सत्य राहमदद करे जो दूसरों, उसी की वाह-वाहकिए गए हर कर्म का, मिले यहीं परिणाम।जो करता सत्कर्म तो, उसका होता नाम।।

भीड़ नहीं होती वहाँ, राह जहाँ ईमानशाँतिपूर्ण जीवन जिएँ, हँसी खुशी इंसानईमान धर्म मानकर, करते जो निज कार्यमोह त्याग करना उन्हें, होता है अनिवार्यउनका करना अनुसरण, चले जो सत्य राहमदद करे जो दूसरों, उसी की वाह-वाहकिए गए हर कर्म का, मिले यहीं परिणाम।जो करता सत्कर्म तो, उसका होता नाम।।.

भीड़ नहीं होती वहाँ, राह जहाँ ईमानशाँतिपूर्ण जीवन जिएँ, हँसी खुशी इंसानईमान धर्म मानकर, करते जो निज कार्यमोह त्याग करना उन्हें, होता है अनिवार्यउनका करना अनुसरण, चले जो सत्य राहमदद करे जो दूसरों, उसी की वाह-वाहकिए गए हर कर्म का, मिले यहीं परिणाम।जो करता सत्कर्म तो, उसका होता नाम।।.दोष दूसरों ढ़ूँढता, घृणित सोच शैतान।

भीड़ नहीं होती वहाँ, राह जहाँ ईमानशाँतिपूर्ण जीवन जिएँ, हँसी खुशी इंसानईमान धर्म मानकर, करते जो निज कार्यमोह त्याग करना उन्हें, होता है अनिवार्यउनका करना अनुसरण, चले जो सत्य राहमदद करे जो दूसरों, उसी की वाह-वाहकिए गए हर कर्म का, मिले यहीं परिणाम।जो करता सत्कर्म तो, उसका होता नाम।।.दोष दूसरों ढ़ूँढता, घृणित सोच शैतान।जो गल्ती से सीख ले, वही सफल इंसान।।

भीड़ नहीं होती वहाँ, राह जहाँ ईमानशाँतिपूर्ण जीवन जिएँ, हँसी खुशी इंसानईमान धर्म मानकर, करते जो निज कार्यमोह त्याग करना उन्हें, होता है अनिवार्यउनका करना अनुसरण, चले जो सत्य राहमदद करे जो दूसरों, उसी की वाह-वाहकिए गए हर कर्म का, मिले यहीं परिणाम।जो करता सत्कर्म तो, उसका होता नाम।।.दोष दूसरों ढ़ूँढता, घृणित सोच शैतान।जो गल्ती से सीख ले, वही सफल इंसान।।.

भीड़ नहीं होती वहाँ, राह जहाँ ईमानशाँतिपूर्ण जीवन जिएँ, हँसी खुशी इंसानईमान धर्म मानकर, करते जो निज कार्यमोह त्याग करना उन्हें, होता है अनिवार्यउनका करना अनुसरण, चले जो सत्य राहमदद करे जो दूसरों, उसी की वाह-वाहकिए गए हर कर्म का, मिले यहीं परिणाम।जो करता सत्कर्म तो, उसका होता नाम।।.दोष दूसरों ढ़ूँढता, घृणित सोच शैतान।जो गल्ती से सीख ले, वही सफल इंसान।।.पेड़ नहीं कहता कभी, अपने मन की पीर।

भीड़ नहीं होती वहाँ, राह जहाँ ईमानशाँतिपूर्ण जीवन जिएँ, हँसी खुशी इंसानईमान धर्म मानकर, करते जो निज कार्यमोह त्याग करना उन्हें, होता है अनिवार्यउनका करना अनुसरण, चले जो सत्य राहमदद करे जो दूसरों, उसी की वाह-वाहकिए गए हर कर्म का, मिले यहीं परिणाम।जो करता सत्कर्म तो, उसका होता नाम।।.दोष दूसरों ढ़ूँढता, घृणित सोच शैतान।जो गल्ती से सीख ले, वही सफल इंसान।।.पेड़ नहीं कहता कभी, अपने मन की पीर।भला चाहते लोग का, दिखे न आँखों नीर।।

Similar questions