importance of ugadi pachchadi in hindi
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चैत्र माह के प्रथम अर्ध चन्द्रमा के दिन उगादी के महोत्सव को बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह दिन प्रतिवर्ष मार्च से अप्रैल महीने के बीच आता है।
इस त्यौहार के समय वसंत ऋतु का आगमन अच्छे से हो चूका होता है और हर जगह त्योहारों का रंग नज़र आता है। पेड़ों में नए पत्ते लहराते हुए सुन्दर दीखते हैं और उगादी का त्यौहार मनाने वाले लोगों के मन में उमंग दीखता है।
वैसे तो शिवजी ने ब्रह्मा जी को शाप दिया था कि उनकी पूजा नहीं होगी। परंतु आंध्र प्रदेश में Ugadi का त्यौहार खासकर भगवान ब्रह्मा जी को समर्पित किया जाता है। हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार यह भी माना जाता है कि इस दिन भगवान् विष्णु जी ने मतस्य अवतार लिया था।
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हिंदू पंचगम (हिंदू कैलेंडर) के अनुसार उगादि को नए साल के रूप में मनाया जाता है। उगादी या युगदी, जिसे संवत्सरादि ('वर्ष की शुरुआत') के रूप में भी जाना जाता है, भारत में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक राज्यों के लिए नए साल का दिन है। और हम उगादी पचड़ी भी बनाते है। उगादि पचड़ी नीम के फूल, कच्चे आम, गुड़, काली मिर्च पाउडर और नमक आदि से बनाई जाती है। इसे बनाने की थोड़ी बहुत विविधता है।
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