important points of upsarg and pratay
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उपसर्ग
जो शब्दांश किसी शब्द के पहले लगकर उसके अर्थ में विशेषता लाते हैं, उन्हें उपसर्ग कहते हैं।
जैसे - अप + मान = अपमान, उपसर्गों का स्वतंत्र रूप में कोई महत्व नहीं होता परन्तु जब ये किसी शब्द के आगे लगाए जाते हैं तो उनके अर्थ को विशेष रूप देते हैं।
उदाहरण:
अति - (आधिक्य) अतिशय, अतिरेक,
अधि - (मुख्य) अधिपति, अध्यक्ष
अधि - (वर) अध्ययन, अध्यापन,
अनु - (मागुन) अनुक्रम, अनुताप, अनुज;
प्रत्यय
प्रत्यय (suffix) उन शब्दांश को कहते हैं जो किसी अन्य शब्द के अन्त में लगाये जाते हैं। इनके लगाने से शब्द के अर्थ में भिन्नता या वैशिष्ट्य आ जाता है। उदाहरण:-
यह किसी व्यक्ति की विशेषता दर्शाते समय उपयोग होता है। जैसे यह पहलवान बहुत बलवान है।
धन + वान = धनवान, विद्या + वान = विद्वान
बल + वान = बलवान, उदार + ता = उदारता
सफल + ता = सफलता, पण्डित + ई = पण्डिताई
चालाक + ई = चालाकी, ज्ञान + ई = ज्ञानी
Answer:
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