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उप-प्रमेय (Corollary) 1. किसी अधिककोण त्रिभुज में अधिककोण के सामने की भुजा पर का वर्ग अन्य
दो भुजाओं पर के वर्गों के योग और एक भुजा तथा पहले पर दूसरी भुजा के विक्षेप के गुणनफल के योग के
|B.M.]
उपपत्ति :AALD में
और. LADL<90°
तथा ZADB>906
बराबर होता है।
जति
AARC में यदि /ARC>900
ADR में.
Answers
पाइथागोरस प्रमेय के अनुसार एक समकोण त्रिभुज में कर्ण का वर्ग शेष दो भुजाओं के वर्गों के योग के बराबर होता है।
अर्थात,
class 10 गणित-10 त्रिभुज पाइथागोरस प्रमेय
मान लिया कि MNO एक समकोण त्रिभुज है, जिसका कोण M = 900 अर्थात समकोण है।
समकोण के सामने वाली (सम्मुख) भुजा कर्ण (Hypotenuse) कहलाती है।
समकोण के संलग्न क्षैतिज भुजा को आधार (base) तथा समकोण के संलग्न उर्ध्वाकार भुजा को लम्ब (Perpendicular) कहा जाता है।
कर्ण को प्राय: अंग्रेजी के अक्षर
h
से निरूपित किया जाता है, चूँकि कर्ण को अंग्रेजी में Hypotenuse कहते हैं।
आधार को प्राय: अंग्रेजी के अक्षर
b
से निरूपित किया जाता है, चूँकि आधार को अंग्रेजी में Base कहा जाता है।
लम्ब को प्राय: अंग्रेजी के अक्षर
p
से निरूपित किया जाता है, चूँकि लम्ब को अंग्रेजी में Perpendicular कहा जाता है।
अत: पाइथागोरस प्रमेय के अनुसार,
(कर्ण)2 = (लम्ब)2 + (आधार)2
या,
h
2
=
p
2
+
b
2
-------- (i)
इस प्रमेय का नाम ग्रीक के गणितज्ञ पाइथागोरस (Pythagoras) के नाम पर रखा गया है। इस प्रमेय को पाइथागोरियन प्रमेय (Pythagorean Theorem) भी कहा जाता है। तथा इस प्रमेय से प्राप्त समीकरण (i) को पाइथागोरियन समीकरण (Pythagorean Equation) कहा जाता है।