in chapter yah sabse kathin samay nahin hindi class 8 what I learnt , what I found interesting and what I found difficult
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इस पाठ में कवयित्री एक छोटी – सी चिड़िया के माध्यम से यह बताती हैं कि जब तक वह घोसला बनाने का प्रयास करेगी, जब तक वह अपनी इस क्रिया में लगी रहेगी, चिड़िया अपने घोसला बनाने में व्यस्त है और कोई गिरती हुई पत्तियों को थामने के लिए लगा हुआ है जब तक बच्चों को नानी-दादी अपनी पुरानी कहानियाँ, कल्पनिक कहानियाँ सुनती रहेगी तथा जब तक यात्रियों को पहुँचाने वाली रेल आती रहेगी, तब तक कठिन समय नहीं आ सकता। अर्थात् जितनी भी क्रियाएँ समान्यरूप से हो रही है, तब तक यह नहीं कहा जा सकता कि इस दुनिया में, जीवन में कठिन समय की शुरुआत हो गई है। चिड़िया अपना काम कर रही है उसका काम है घोसला बनाना और अण्डे देना, अपने बच्चों को सहेज कर रखना । व्यक्ति का काम है गिरी पत्तियों को थामना या किसी को सहारा देना। नानी-दादी का काम है अपने बच्चों को कहानियाँ सुनना, प्रेयत्नक कहानियाँ सुनाना जिनसे उन्हें कुछ सीख मिले। और रेल का काम है यात्रियों को अपनी मंजिल तक पहुँचना। यह कहा जा सकता है कि जब तक यह काम सरल तरीके से होते रहेंगे, तब तक कठिन समय नहीं आया है। इसमें जया जी का जिंदगी के प्रति आशावादी दृष्टिकोण दिखता है । वो बहुत आशावादी है, उम्मीद का भरोसा कभी नहीं छोड़ती है। वे मानती है की जब तक मानव अपनी सहजता नहीं छोड़ता है, अपना होसला नहीं छोड़ता है, तब तक कठिन समय नहीं आ सकता। यह वास्तव में ही सच बात है की व्यक्ति में जब तक हिम्मत है, साहस है, होसला है और उसमें काम करने की शक्ति है और उसका अपना लक्ष्य है जिस पर वह केन्द्रीत है तब तक यह कहा नहीं जा सकता की कठिन समय की शुरूआत हो गई है। जब व्यक्ति होसला छोड़ देता है, हिम्मत का साथ छोड़ देता है तबी कठिन समय की शुरूआत होती है।
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