Hindi, asked by shristi5688, 6 months ago

in chitron Ko dekhkar Ek kahani banaaiye​

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Answered by nikitajoshi8904617
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एक अाठ वर्ष की छोटी सी लड़की, जिसका नाम विद्या था। वह बहुत ही बोली और आज्ञाकारी लड़की थी। उसे जानवरों से भी अत्यंत प्रेम था। एक दिन सूर्यास्त के समय जब विद्या घर से बाहर अपने दोस्तों के पास खेलने जा रही थी तभी उसने देखा रास्ते में झाड़ियों के पीछे से कुछ आवाज से सुनी, पहले वह डर गई थी। फिर उसने थोड़ी हिम्मत करके झाड़ियों के पास जाकर देखा कि क्या हलचल हो रही है। वह यह देखकर आश्चर्यचकित हो उठती थी कि एक बिल्ली मुर्गी के एक अंडे को निर्दयता पूर्वक फोड़ने की कोशिश कर रही है या उस अंडे के साथ खेल रही है।यह देखकर विद्या ने सावधानी पूर्वक बिल्ली को ऐसा करने से रोका और जल्दी से उस नन्हे मेहमान नार्थ मुर्गी के अंडे चूजे को उसने अपने कोमल हाथों में सुरक्षित कर लिया और बिल्ली से उसे सुरक्षा प्रदान की। अचानक! विद्या ने देखा कि वह नन्हा मेहमान जो इस दुनिया को जल्द ही इस अंडे से बाहर आकर देखेगा, और थोड़े समय बाद वह चूजा अंडे से निकल गया और विद्या उसने चूजे को देखकर भावुक हो उठी उसने नी लड़की ने बिना देर किए उस नन्हे मेहमान को उसकी मां के पास ले गई जो दूर खड़ी उस बिल्ली के डर से चिंता में पड़ी थी।

तुझे को देखकर मुर्गी खुश हो थी इसका पता विद्या को इस प्रकार चला कि मुर्गी बड़े तेज तेज स्वर्ग से कुछ कह रही हो जैसे कि वह विद्या को धन्यवाद बोलना चाहती हो इस प्रकार विद्या ने अपने दयालुता का प्रमाण दिया ।

शिक्षा - हमें जानवरों व पशु पक्षियों को परेशानी में देखकर उनकी परेशानी का समाधान वं वह सहायता करनी चाहिए।

धन्यवाद !

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