in dohe ke Arth batao aur Chitra sahit
it's urgent for me
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जो सचमुच बड़े होते हैं, वे अपनी बड़ाई नहीं किया करते, बड़े-बड़े बोल नहीं बोला करते। हीरा कब कहता है कि मेरा मोल लाख टके का है।
छोटे छिछोरे आदमी ही बातें बना-बनाकर अपनी तारीफ के पुल बाँधा करते हैं।
2nd-हमें अपना दु ख दूसरों पर प्रकट नहीं करना चाहिए, क्योंकि संसार उसका मजाक उड़ाता है। हमें अपना दुःख अपने मन में ही रखना चाहिए। अपने मन की व्यथा दूसरों से कहने पर उनका व्यवहार परिहास पूर्ण हो जाता है।
3rd-वह व्यक्ति जो स्वभाव से उत्तम एवं जिसका अपने मन विचार एवं वचन पर पूरा नियंत्रण होता है, वह अच्छी - बुरी संगति के प्रभाव से मुक्त रहता है। ठीक वैसे ही जैसे साँप से चन्दन के पेड़
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