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जानलेवा मेहंगाई
हमारा देश भारत है और हमारा देश जनसंख्या के मामले में चीन के बाद दूसरे स्थान पर है । इसी के साथ साथ हमारे देश में कई सारी परेशानी है जैसे कि भ्रष्टाचार, आतंकवाद , अपराध , रिश्वत ,अशांति , लड़ाई झगड़ा , दंगे फसाद। लेकिन इन सब के बीच एक मुख्य कारण है मेहंगाई।
जिसपर हमने जल्द से जल्द काबू नहीं पाया तो ये कामकाजी आदमी की जान लेने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
महंगाई बढ़ने के अनेक कारण हैं जिसमें जनसंख्या का बढ़ना, कृषि उत्पादन, व्यय में वृद्धि, उत्पादकों तथा व्यापारियों की अधिक पैसा कमाने की प्रवृत्ति, मुद्रा प्रसार एवं स्फीति, देश में बढ़ता भ्रष्टाचार एवं प्रशासन की शिथिलता, घाटे की अर्थव्यवस्था तथा धन का असमान वितरण उत्तरदायी है ।
जितनी तेजी से जनसंख्या बढ़ रही है उतनी तेजी से उत्पादन एवं वस्तुओं की आपूर्ति नहीं हो पाती । वस्तुओं की मांग अधिक होती है परन्तु उनकी पूर्ति नहीं हो पाती अर्थात् खाने वाले अधिक हैं परन्तु वस्तुएं कम हैं । इसलिए व्यापारी लोग वस्तुओं को पहले जमा करते रहते हैं बाद में वही वस्तुएं अधिक दाम में बेचते हैं । सरकारी तंत्र का भ्रष्टाचार भी महंगाई को बढ़ाता है ।
काला धन, तस्करी एवं जमाखोरी महंगाई-वृद्धि के परम मित्र हैं । तीनों से सरकार एवं पार्टियां खूब चंदा लेती हैं । तस्कर खुलेआम व्यापार करता है । काला धन जीवन का अनिवार्य अंग बन चुका है, उसके बिना दफ्तर की फाइल नहीं भुगतती । जमाखोरी पुलिस एवं अधिकारियों की मिली- भगत का कुफल है । इतना ही नहीं, सरकार हर महीने किसी न किसी वस्तु का मूल्य बढ़ा देती है, जब कीमतें बढ़ती हैं तौ आगा-पीछा नहीं सोचती । जहां उत्पादन न बढ़ने के लिए अयोग्य अधिकारी दोषी है, वहां कर्मचारी आदोलन, हड़ताल एवं वेतनवृद्धि के कारण घाटा बढ़ता है, महंगाई बढ़ती है । करोड़ों रुपये लगाकर हम उपग्रह बना रहे हैं, किंतु गरीब भारत का जन भूखा और नंगा है । आज भारत की जनता महंगाई की चक्की में और पिसती जा रही है । महंगाई की खाई भरने के चार उपाय हैं-
- कर चोरी को रोकना
- राष्ट्रीयकृत उद्योगों के प्रबंध तथा संचालन में कुशलता
- सरकारी खर्चों मे योजनाबद्ध रूप में कमी का आह्वान
- मांग के अनुसार उत्पादन का प्रयत्न ।
बढती महंगाई के कारण ओम आदमी का जीवन कष्टदायक हो गया है । महंगाई के कारण लोग अपनी -आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं कर सकते जिसके कारण और भी बहुत सी बुराइयां जैसे भ्रष्टाचार रिश्वतखोरी, अप्राधवृति आदि का जनम होता है । महंगाई बेर कारण सी चोर बाजारी, काला बाजार. तथा तस्करी जैसी बुराइयों का भी जन्म होता है ।
महंगाई को रोक पाना सरल नहीं है । इसके लिए सरकार को समयबद्ध कार्यक्रम बनाना होगा । घाटे की वित्त व्यवस्थाओं को रोकना भी अनिवार्य है । सरकार को एक ऐसा कानून बनाना चाहिए जिसमें दुकानदार को बेची जाने वाली प्रत्येक वस्तु का मूल्य तथा उसकी कितनी मात्रा उसके पास उपलब्ध है, उसे लिखकर टांगना अनिवार्य हो ।
महंगाई को रोकने का सबसे मुख्य कारण है कि बढ़ती जनसंख्या पर रोक लगाई जाए । यह उपाय अत्यावश्यक है । हमें अपनी आवश्यकता से अधिक वस्तुओं को खरीदने एवं उन्हें जमा करने की दुध्वृत्तिए से बचना चाहिए ।
तो आज से ही प्रण लेते है कि देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने में अपना पूरा कर्तव्य निभाएंगे जिससे कि ये मेहंगाई नाम के राक्षस से हम बच सके और इसपर काबू पा सके।