In Hindi conversation on chandrayan2
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पृथ्वी के एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह चंद्रमा पर भारत अपना दूसरा महत्वाकांक्षी मिशन 'चंद्रयान-2' सोमवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में अपने सबसे शक्तिशाली रॉकेट लॉन्चर GSLV Mk III के ज़रिये प्रक्षेपित कर चुका है.
यह भारत की छवि बनाने के लिए एक लंबी छलांग साबित हो सकती है, क्योंकि अभी तक दुनिया के पांच देश ही चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करा पाए हैं. ये देश हैं - अमेरिका, रूस, यूरोप, चीन और जापान. इसके बाद भारत ऐसा करने वाला छठा देश होगा.
हालांकि, रोवर उतारने के मामले में चौथा देश है. इससे पहले अमेरिका, रूस और चीन चांद पर लैंडर और रोवर उतार चुके हैं.चंद्रयान-2 के कुल तीन मुख्य हिस्से हैं, पहला हिस्सा ऑर्बिटर है. चांद की सतह के नजदीक पहुंचने के बाद चंद्रयान चांद के साउथ पोल की सतह पर उतरेगा. इस प्रक्रिया में 4 दिन लगेंगे.
चांद की सतह के नजदीक पहुंचने पर लैंडर (विक्रम) अपनी कक्षा बदलेगा. फिर वह सतह की उस जगह को स्कैन करेगा जहां उसे उतरना है. लैंडर ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा और आखिर में चांद की सतह पर उतर जाएगा.