Hindi, asked by bobby73, 1 year ago

in hindi lipi ka kya mahatva hai​

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Answered by PrinceJK786
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आचार्य विनोबा भावे ने नागरी लिपि के महत्व को स्वीकार करते हुए यहां तक कहा था "हिंदुस्तान की एकता के लिए हिंदी भाषा जितना काम देगी, उससे बहुत अधिक काम देवनागरी देगी। इसलिए मैं चाहता हूं कि सभी भाषाएं सिर्फ देवनागरी में भी लिखी जाएं। "सभी लिपियां चलें लेकिन साथ साथ देवनागरी का भी प्रयोग किया जाये। विनोबा जी "नागरी ही" नहीं "नागरी भी" चाहते थे। उन्हीं की सद्प्रेरणा से 1975 में नागरी लिपि परिषद की स्थापना हुई। जो भारत की एकतात्रा ऐसी संस्था है, जो नागरी लिपि के प्रचार प्रसार में लगी है। 1961 में पं जवाहर लाल नेहरू की अध्यक्षता में सम्पन्न मुख्य मंत्रियों के सम्मेलन में भी यह सिफारश की गयी कि, "भारत की सभी भाषाओं के लिए एक लिपि अपनाना वांछनीय हैं। इतना ही नहीं, यह सब भाषाओं को जोड़ने वाली एक मजबूत कड़ी का काम करेगी और देश के एकीकरण में सहायक होगी। भारत की भाषायी स्थिति में यह जगह केवल देवनागरी ले सकती है। "16-17 जनवरी 1960 को बेंगलोर में आयोजित 'ऑल इण्डिया देवनागरी कांग्रेस' में श्री अनंतशयनम् आयंगर ने भारतीय भाषाओं के लिए देवनागरी को अपनाये जाने का समर्थन किया था। नि:संदेह देवनागरी लिपि में वे गुण हैं, वह सभी भारतीय भाषाओं को जोड़ सकती है। यह संसार की सबसे अधिक वैज्ञानिक और ध्वन्यात्मक लिपि जो है।

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