In hindimaharashtra rajya ke khadi gram udyog ki jankari kapas dhaga banaye bikre vitran nirman prakriya
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खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी)(Khadi and Village Industries Commission), संसद के 'खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग अधिनियम 1956' के तहत भारत सरकार द्वारा निर्मित एक वैधानिक निकाय है। यह भारत में खादी और ग्रामोद्योग से संबंधित सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय (भारत सरकार) के अन्दर आने वाली एक शीर्ष संस्था है, जिसका मुख्य उद्देश्य है - "ग्रामीण इलाकों में खादी एवं ग्रामोद्योगों की स्थापना और विकास करने के लिए योजना बनाना, प्रचार करना, सुविधाएं और सहायता प्रदान करना है, जिसमें वह आवश्यकतानुसार ग्रामीण विकास के क्षेत्र में कार्यरत अन्य एजेंसियों की सहायता भी ले सकती है।"[3]. अप्रैल 1957 में, पूर्व के अखिल भारतीय खादी एवं ग्रामीण उद्योग बोर्ड का पूरा कार्यभार इसने संभाल लिया।[4]
इसका मुख्यालय मुंबई में है, जबकि अन्य संभागीय कार्यालय दिल्ली, भोपाल, बंगलोर, कोलकाता, मुंबई और गुवाहाटी में स्थित हैं। संभागीय कार्यालयों के अलावा, अपने विभिन्न कार्यक्रमों का कार्यान्वयन करने के लिए 29 राज्यों में भी इसके कार्यालय हैं।
महत्वपूर्ण शब्दावलियाँ
खादी
ग्रामीण उद्योग
खादी और ग्रामोद्योग की प्रासंगिकता
आयोग के उद्देश्य
आयोग के तीन प्रमुख उद्देश्य[7] हैं जो इसके कार्यों को निर्देशित करते हैं। ये इस प्रकार हैं -
सामाजिक उद्देश्य - ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराना.
आर्थिक उद्देश्य - बेचने योग्य सामग्री प्रदान करना
व्यापक उद्देश्य - लोगों को आत्मनिर्भर बनाना और एक सुदृढ़ ग्रामीण सामाजिक भावना का निर्माण करना।
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