In our village hoe to we celebrate sankranti in hindi
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मकर संक्रान्ति हिन्दुओं का प्रमुख पर्व है। मकर संक्रान्ति पूरे भारत और नेपाल में किसी न किसी रूप में मनाया जाता है। पौष मास में जब सूर्य मकर राशि पर आता है तभी इस पर्व को मनाया जाता है। वर्तमान शताब्दी में यह त्योहार जनवरी माह के चौदहवें या पन्द्रहवें दिन ही पड़ता है , इस दिन सूर्य धनु राशि को छोड़ मकर राशि में प्रवेश करता है। एक दिन का अंतर लौंद वर्ष के ३६६ दिन का होने की वजह से होता है | मकर संक्रान्ति उत्तरायण से भिन्न है। मकर संक्रान्ति पर्व को कहीं-कहीं उत्तरायणी भी कहते हैं , यह भ्रान्ति है कि उत्तरायण भी इसी दिन होता है । उत्तरायण का प्रारंभ 14 या 15 दिसम्बर को होता है | लगभग १८०० वर्ष पूर्व यह स्थिति उत्तरायण की स्थिति के साथ ही होती थी , संभव है की इसी वजह से इसको व उत्तरायण को कुछ स्थानों पर एक ही समझा जाता है | तमिलनाडु में इसे पोंगल नामक उत्सव के रूप में मनाते हैं जबकि कर्नाटक, केरल तथा आंध्र प्रदेश में इसे केवल संक्रांति ही कहते हैं।
मेरे घर में बहुत सारे सदस्य है| हम सब बहुत प्यार से और मिलकर रहते है | मेरे घर में बच्चों से लेकर बुजुर्गों सभी सदस्य रहते है|
मकर संक्रांति का पर्व हमारे गांव शहर में मकर संक्रांति का पर्व बड़े उत्साह धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन हमारे घर की सभी महिलाएं तिल की बनी विशेष तरह की मिठाइयां आदि बनाती है। हमारे क्षेत्र में खिचड़ी बनाने का विशेष रिवाज है और इस दिन काली उड़द की दाल की खिचड़ी बनाकर खाई जाती है, उसका दान करते है। इसके अतिरिक्त काली उड़द का दान करना शुभ माना जाता है। तिल का दान करना शुभ माना जाता है और तिल के बने विशेष व्यंजन बनाए-खाए जाते हैं और उनका दान किया जाता है। इस दिन सभी घरवाले गंगा स्नान या अन्य किसी पवित्र नदी में स्नान करने जाते है। नदी स्नान करके पूजा आदि करके तिल की बनी मिठाइयों को ब्राह्मणों व मंदिरों आदि में दान दिया जाता है। शाम को पतंग उड़ाई जाती है, और रंग-बिरंगी पतंगों से आसमान पट जाता है। तरह-तरह की पतंग उड़ाने की प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाती हैं।