Hindi, asked by shaliniu372, 29 days ago

इन्हें 'लौह रक्त' की नीति का सुल्तान कहते हैं: हिन्दी में लिखे​

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Answered by mantasha9412403310kh
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Answer:

लौह एवं रक्त की नीति को लागू करने वाले शासक का नाम बलवन था। बलवन जिसका पूरा नाम गयासुद्दीन बलबन था, वह दिल्ली सल्तनत में गुलाम वंश का एक शासक था उसने 1240 से 1287 की अवधि के बीच राज्य किया था। ... बलबन ने सुल्तान के पद को दैवीय कृपा माना उसका राजत्व सिद्धांत निरंकुशता पर आधारित था।

Answered by ankittheboss96
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Explanation:

रक्त और लोहा सन् 1862 में जर्मन नेता बिस्मार्क द्वारा दिए गए एक भाषण का शीर्षक था जो आगे चलकर एक नारा बन गया। जर्मन में इसका मूल रूप "ब्लूट उन्ट आइज़ॅन" (Blut und Eisen) था, जिसका अंग्रेजी में अनुवादित रूप "ब्लड ऐण्ड आयरन" (Blood and Iron) है। यह भाषण बिस्मार्क ने जर्मनी के भिन्न राज्यों को इकठ्ठा गूंथकर एक राष्ट्र बनाने के विचार को आगे बढ़ाने के लिए दिया था। इस ख़िताब से वह अपने राज्य प्रुशिया को इस अभियान में नेतृत्व के लिए उकसाना चाहते थे। उनका कहना था के यह ध्येय उदारता के सिद्धांतों को अपनाने से नहीं बल्कि बल और साहस दिखने से प्राप्त होगा। उनके भाषण के अंतिम वाक्य थे[1] -

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