Hindi, asked by prachi892047, 10 months ago

इन मुहावरों का अर्थ बताएं--
| 1. हवा से बाजी मारना -
2. खून का प्यासा होना -
3. दाँत पीसना​

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Answered by Anonymous
9

मुहावरे (Muhavare) :

मुहावरे का शाब्दिक अर्थ होता है – अभ्यास। विशेष अर्थ को प्रकट करने वाले वाक्यांश को मुहावरा कहते हैं। मुहावरा पूर्ण वाक्य नहीं होता इसलिए इसका स्वतंत्र रूप से प्रयोग नहीं किया जा सकता। ऐसे वाक्यांश जो सामान्य अर्थ का बोध न कराकर किसी विलक्षण अर्थ की प्रतीति कराये उसे मुहावरा कहते हैं ।ये विशेष अर्थ को ही मुहावरा कहते हैं।

हिंदी भाषा में मुहावरों का प्रयोग भाषा को सुंदर, प्रभावशाली ,संक्षिप्त तथा सरल बनाने के लिए किया जाता है। ये वाक्यांश होते हैं। इसका प्रयोग करते समय इनका शब्दिक अर्थ न लेकर विशेष अर्थ को ले लिया जाता है। इनके विशेष अर्थों में कभी बदलाव नहीं होता। ये हमेशा एक जैसे रहते हैं।

ये लिंग, वचन, क्रिया के अनुसार वाक्यों में प्रयुक्त किये जाते हैं। मुहावरा एक ऐसा वाक्यांश है जो रचना में अपना विशेष अर्थ प्रकट करता है। मुहावरा अरबी भाषा का एक शब्द है जिसका अर्थ होता है बात-चीत करना या फिर उत्तर देना।

मुहावरे की विशेषताएं :-

(1) मुहावरे का प्रयोग वाक्य के प्रसंग में किया जाता है अलग नहीं।

(2) मुहावरा अपना असली रूप कभी नहीं बदलता है । उसे पर्यायवाची शब्दों में अनुदित नहीं किया जा सकता है।

(3) मुहावरे का शब्दार्थ ग्रहण नहीं किया जाता है उसका केवल विशेष अर्थ ही ग्रहण किया जाता है।

(4) मुहावरे का अर्थ प्रसंग के अनुसार ही निश्चित होता है।

(5) मुहावरे हिंदी भाषा की समृद्धि और सभ्यता के विकास के मापक है। इसकी अधिकता या न्यूनता से भाषा को बोलनेवालों के श्रम , भाषा निर्माण की शक्ति , अध्धयन , मनन, सबका एक साथ पता चलता है। जो समाज जितना अधिक व्यवहारिक और कर्मठ होगा उसकी भाषा में इनका प्रयोग उतना ही अधिक होगा।

(6) देश और समाज की तरह मुहावरे भी बनते बिगड़ते रहते हैं। नये समाज के साथ नए मुहावरे आते हैं।

(7) हिंदी भाषा के ज्यादातर मुहावरों का सम्बन्ध हमारे शरीर के अंगों से भी होता है। यह दूसरी भाषा के मुहावरों में भी ऐसा ही होता है।

मुहावरे और लोकोक्तियों में अंतर :-

मुहावरा एक वाक्यांश होता है जो स्वतंत्र रूप से प्रयोग नहीं होता जबकि लोकोक्तियाँ अपने आप में पूर्ण होती हैं। लोकोक्तियों का प्रयोग स्वतंत्र रूप से किया जा सकता है।

शब्दों की तीन शक्तियाँ होती हैं :-

1.अभिधा

2. लक्षणा

3. व्यंजना

1. अभिधा क्या होता है :- जब किसी शब्द का सामान्य अर्थ में प्रयोग होता है तब वहाँ पर उसकी अभिधा शक्ति होती है।

जैसे :- सिर पर चढ़ाना – इसका अर्थ है किसी चीज को उठाकर सिर पर रखना होगा।

2. लक्षणा क्या होता है :- जब शब्द का सामान्य अर्थ में प्रयोग न करके किसी विशेष प्रयोजन के लिए इस्तेमाल किया जाये। ये जिस शक्ति की वजह से होता है उसे लक्षणा कहते हैं।

जैसे :- सिर पर चढने का अर्थ होगा आदर देना।

3. व्यंजना क्या होता है :- जब अभिधा और लक्षणा का काम खत्म हो जाता है तब जिस शक्ति से शब्द समूहों या वाक्यों के किसी अर्थ की सुचना मिलती हो उसे व्यंजना कहते हैं।

जैसे :- सिर पर चढ़ाना – मुहावरे का व्यंग्यार्थ न तो सिर पर निर्भर करता है पर , इस पूरे मुहावरे का अर्थ होगा अनुशासनहीन।

मुहावरों में अलंकारों का प्रयोग :-

अनेक मुहावरों में अलंकारों का प्रयोग होता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं की प्रत्येक मुहावरा अलंकार होता है या प्रत्येक अलंकारयुक्त वाक्यांश मुहावरा होता है।

(क) सादृश्यमूलक मुहावरे:- लाल अंगारा होना (उपमा) , पैसा ही पुरुषत्व और पुरुषत्व ही पैसा है (उपमेयोपमा), अंगार बरसाना (रूपक) , सोना सोना ही है (अनन्वय)।

(ख) विरोधामूलक मुहावरे :- इधर-उधर करना, उंच-नीच देखना, दाएं-बाएं न देखना , पानी से प्यास न बुझना।

(ग) सन्निधि अथवा स्मृतिमूलक मुहावरे :- चूड़ी तोडना, चूड़ा पहनाना , दिया गुल होना , दुकान बढ़ाना, मांग-कोख से भरी-पूरी रहना।

(घ) शब्दालंकारमूलक मुहावरे :- अंजर-पंजर ढीले होना , आंय-बांय-सांय बकना , कच्चा-पक्का, देर-सवेर।

Answered by sharma9839
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Answer:

1.vijay hona

2.bahut gusse mein hona.

3.bahut jada gussa karna.

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