"इन प्रेक्षणों की अनुकूलता को कैसे समझाएँगे?
(क) यद्यपि क्षारीय पोटैशियम परमैंगनेट तथा अम्लीय पोटैशियम परमैंगनेट-दोनों ही ऑक्सीकारक हैं। फिर भी डॉलइन से बैंजोइक अम्ल बनाने के लिए हम एल्कोहॉलक पोटैशियम परमैंगनेट का प्रयोग ऑक्सीकारक के रूप में क्यों करते हैं? इस अभिक्रिया के लिए संतुलित अपचयोपचय समीकरण
दीजिए।
(ख) क्लोराइडयुक्त अकार्बनिक यौगिक में सांद्र सल्फ्युरिक अम्ल डालने पर हमें तीक्ष्ण गंध वाली HCI गैस
प्राप्त होती है, परंतु यदि मिश्रण में ब्रोमाइड उपस्थित हो, तो हमें ब्रोमीन को लाल वाष्प प्राप्त होती है, क्या? "
Answers
नीचे दिए गए प्रेक्षणों की अनुकूलता समझाया गया है
(क) यद्यपि क्षारीय पोटैशियम परमैगनेट तथा अम्लीय पोटैशियम परमैंगनेट दोनों ही ऑक्सिकारक है। फिर भी टोलूइन से बेन्जोईन अम्ल बनाने के लिए हम अल्कोहलिक पोटैशियम परमैंगनेट का प्रयोग ऑक्सिकारक के रूप मे करते हैं क्योंकि
• टोलूइन से बेन्जोईक अम्ल बनाने के लिए अल्कोहलिक पोटैशियम परमैंगनेट का उपयोग कर ऑक्सिकरण कराया जाता है। जिससे किसी तटस्थ माध्यम मे हाइड्रोक्साइड आयन बनता है, जो क्षार या अम्ल के जोड़ने का खर्च कम कर सकता है।
• अल्कोहल और पोटैशियम परमैंगनेट दोनों ध्रुवीय और एक दूसरे के प्रति समधर्मी भी है। अल्कोहल और टोलूइन दोनों कार्बनिक होने के कारण समधर्मी होता है। टोलूइन का ऑक्सिकरण क्षारीय अथवा अम्लीय KMnO4 के साथ किया जाए तो असमधर्मी होने के कारण इसके ऑक्सिकरण को काबू करना मुश्किल होता है।
• समधर्मी माध्यम मे अभिक्रिया असमधर्मी माध्यम के तुलना में ज्यादा जल्दी होता है, इसलिए बेन्जोईक अम्ल बनाने के लिए हम अल्कोहलिक पोटैशियम परमैंगनेट को ऑक्सिकारक के रूप मे प्रयोग करते है।
C6H5CH3 (टोलूइन) + 2KMnO4 ---------------------> 2KOH +2MnO2 + C6O5COOH (बेन्जोईक अम्ल)
(ख) क्लोराइड युक्त अकार्बनिक यौगिक में सांद्र सलफ्यूरिक अम्ल डालने पर हमे तीक्षण गंध वाले HCl गैस प्राप्त होती है परंतु, यदि मिश्रण में ब्रोमाइड उपस्थित हो तो हमे ब्रोमिन को लाल वास्प प्राप्त होती है, क्योंकि
• सान्द्र सलफ्यूरिक अम्ल को क्लोराइड युक्त अकार्बनिक यौगिक में मिलाये जाने पर, अधिक वाष्पशील अम्ल HCl को विस्थापित कर कम वाष्पशील अम्ल H2SO4 आता है लेकिन HCl कम अपचायक होने के कारण H2SO4 को SO2 में रूपांतरित नहीं कर पाता है, जिससे HCl की तीक्ष्ण गंध बाहर आता है।
2NaCl (s) +H2SO4 (l) ------------------> 2NaHSO4 (s) + 2HCl (g)
• जब ब्रोमाइड युक्त मिश्रण में सान्द्र सलफ्यूरिक अम्ल मिलाया जाता है, तब प्राथमिक अवस्था में कम वाष्पशील अम्ल HBr विस्थापित होता है। जो कि एक प्रबल अपचायक होने के कारण H2SO4 को SO2 मे रूपांतरित कर देता है, जिससे ब्रोमाइड को लाल वाष्प प्राप्त होता है।
2NaBr + H2SO4 --------------------> 2NaHSO4 + 2HBr
2HBr + H2SO4 ------------------> SO2 + 2H2O +Br2 (g) [लाल वाष्प ]
Answer:
पोटैशियम परमैंगनेट (Potassium permanganate) एक अकार्बनिक रासायनिक यौगिक है जिसका अणुसूत्र KMnO4 है। यह प्रबल आक्सीकारक है। जल में घुलकर यह तीव्र गुलाबी या बैंगनी रंग का विलयन बनाता है।पोटेशियम परमेगनेट का जलीय विलयन बीजों की जीवन क्षमता ज्ञात करने के लिए गुणवत्ता युक्त मिश्रण है। [1]