इन प्रश्नों के उत्तर दीजिए
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प्र.१किसी राशि के मापन में प्रयुक्त वे अंक जो मापक यंत्र की याथार्थ के अंतर्गत उस रासी के मान को व्यक्त करते है सार्थक अंक कहलाते है अर्थात सार्थक अंक किसी मापन में अंकों की वह संख्या है जिसकी शुद्धता स्पष्ट है या निश्चित है । अन्य शब्दों में सार्थक अंक किसी प्रयोग द्वारा शुद्धता से प्राप्त माप में अंकों की संख्या से एक अधिक होता है जहां अंतिम अंक निश्चित नहीं होता है। निम्नलिखित अंकों को छोड़कर सभी अंक सार्थक माने जाते हैं
प्र. २ * अशून्य अंक सार्थक होते हैं।
*दो अशून्य अंकों के बीच आने वाला शून्य भी सार्थक होता है।
संख्या के आरम्भ में आने वाले शून्य (Leading zeros) कभी भी सार्थक नहीं होते।
* बिन्दु से युक्त किसी संख्या में, अन्तिम अशून्य अंक के बाद आने वाले सभी शून्य सार्थक होते हैं।
* बिन्दु से रहित संख्या में, अन्तिम अशून्य अंक के दाहिने आने वाले शून्य सार्थक हो भी सकते हैं और नहीं भी।
उदाहरण
98.76 में 4 सार्थक अंक हैं।
0.009 876 में भी 4 ही सार्थक अंक हैं।