Hindi, asked by lavi14274gmailcom, 3 months ago

इनमें से भारतेन्दु हरिश्चन्द्र के काव्य की विशेषता नहीं है​

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Answered by kaushiknitish81
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Answer:

भारतेंदु हरिश्चंद्र के काव्य में प्रकृति के उद्दीपन रूप का चित्रण नहीं मिलता है। ... किसी बाहरी प्रकृति में उनका मर्म पूरी तरह रम नहीं पाया, इसलिए उनके काव्य में प्रकृति चित्रण का जो भी रूप मिलता है, उसमें मानव हृदय को आकर्षित करने की शक्ति का अभाव रहा है।

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