“इनसे आप लोग त्याग और हिम्मत सीखें” −गांधीजी ने यह किसके लिए और किस संदर्भ में कहा?
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उत्तर :
गांधीजी का यह कथन रास में रहने वाले दरबार समुदाय के लोगों से कहा। गांधी जी ने रास पहुंचकर वहां के लोगों को देश की आज़ादी के बारे में बताया। वे जानते थे कि वहां दरबार समुदाय के लोग बहुत संख्या में रहते हैं। अतः उन्होंने दरबार समुदाय के लोगों के बारे में बताया कि वह बड़ी-बड़ी रियासतों के मालिक थे। उनकी बहुत आराम की जिंदगी थी। किंतु वे देश की आजादी के लिए सब कुछ छोड़ आए। अतः सब लोगों को दरबार समुदाय के त्याग और हिम्मत से सबक सीखना चाहिए। गांधी ने लोगों को देश की आज़ादी के लिए प्रोत्साहित करने के संदर्भ में यह सब कहा था।
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गांधी जी एक बार रास गए| यहाँ उनका भव्य स्वागत हुआ | वहाँ सबसे आगे रास लोग रहते हैं जो दरबार कहलाते हैं | एक तरह से ये राजा की तरह होते हैं | ये रियासत के मालिक होते हैं | गोपालदास और रविशंकर महाराज जो दरबार थे, वहाँ मौजूद थे | ये दरबार लोग अपना सब कुछ छोड़कर यहाँ आकर बस गए थे | उनका यह त्याग एवं हिम्मत सराहनीय है | गांधी जी ने इन्हीं के जीवन से प्रेरण लेने को लोगों से कहा कि इनसे आप त्याग और हिम्मत सीखें |