Incredible INDIA paragraph in Hindi
Answers
भारत मेरी मातृ-भूमि है जहाँ मैंने जन्म लिया है। मैं भारत से प्यार करता हूँ और इस पर मुझे गर्व है। भारत एक बड़ा लोकतांत्रिक देश है जो जनसंख्या में चीन के बाद दूसरे स्थान पर काबिज़ है। इसका समृद्ध और शानदार इतिहास रहा है। इसे विश्व की पुरानी सभ्यता के देश के रुप में देखा जाता है। ये सीखने की धरती है जहाँ विश्व के हर कोने से विद्यार्थी यहाँ के विश्वविद्यालयों में पढ़ने के लिये आते हैं। कई धर्मों के लोगों के अपने विभिन्न अनोखे और विविध संस्कृति और परंपरा के लिये ये देश प्रसिद्ध है। प्रकृति में आकर्षित होने की वजह से विदेशों में रहने वाले लोग भी यहाँ की संस्कृति और परंपरा का अनुसरण करते हैं। कई आक्रमणकारी यहाँ आये और यहाँ की शोभा और बहुमूल्य चीजों को चुरा कर ले गये। कुछ ने इसको अपना गुलाम बना लिया जबकि देश के बहुत से महान नेताओं की संघर्ष और बलिदान की वजह से 1947 में हमारी मातृ-भूमि अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुयी।
जिस दिन हमारी मातृभूमि आजाद हुयी उसी दिन से हर वर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रुप में मनाया जा रहा है। पंडित नेहरु भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने। प्राकृतिक संसाधनों से भरा देश होने के बावजूद भी यहाँ के रहवासी गरीब हैं। रविन्द्रनाथ टैगोर, सर जगदीश चन्द्र बोस, सर सी.वी.रमन, श्री एच.एन भाभा आदि जैसे उत्कृष्ट लोगों की वजह से तकनीक, विज्ञान, और साहित्य के क्षेत्र में ये लगातार बढ़ रहा है। ये एक शांतिप्रिय देश है जहाँ बिना किसी हस्तक्षेप के अपने त्योहारों को मनाने के साथ ही विभिन्न धर्मों के लोग अपनी संस्कृति और परंपरा का अनुसरण करते हैं। यहाँ पर कई शानदार ऐतिहासिक इमारतें, विरासत, स्मारक और खूबसूरत दृश्य हैं जो हर वर्ष अलग देशों के लोगों के मन को अपनी ओर खिंचता है। भारत में ताजमहल एक महान स्मारक और प्यार का प्रतीक है तथा कश्मीर धरती के स्वर्ग के रुप में है। ये प्रसिद्ध मंदिरों, मस्ज़िदों, चर्चों, गुरुद्वारों, नदियों, घाटियों, कृषि योग्य मैदान, सबसे उँचा पर्वत आदि का देश है।
Answer:
भारत गाँवों का देश है। भारत की अधिकतम जनता गाँवों में निवास करती हैं। महात्मा गाँधी कहते थे कि वास्तविक भारत का दर्शन गाँवों में ही सम्भव है जहाँ भारत की आत्मा बसी हुई है।
आज हममें से कितने लोगों ने गाँव देखे हैं? गाँव जिन्हें भगवान ने बनाया, जहाँ प्रकृति का सौन्दर्य बिखरा पड़ा है- हरे भरे खेत, कल कल करती नदियाँ, कुँयें की रहट पर सजी धजी औरतों की खिलखिलाहट, हुक्का पीते किसान, गाय के पीछे दौड़ते बच्चे, पेड़ों से आम तोड़कर खट्टे आम खाती किशोरियाँ, तितलियाँ पकड़ते किशोरन बाजरा और मक्की की रोटी, दूध दही, मक्खन और घी की बहुलता यह सब कल्पना में आता है जब हम गाँव की बात करते हैं।
भारत के गाँव उन्नत और समृद्ध थे। ग्रामीण कृषक कृषि पर गर्व अनुभव करते थे, संतुष्ट थे। गाँवों में कुटीर उद्योग फलते फूलते थे। लोग सुखी थे। भारत के गाँवों में स्वर्ग बसता था। किन्तु समय बीतने के साथ नगरों का विकास होता गया और गाँव पिछड़ते गये।
भारत के गाँवों की दशा अब दयनीय है। इसका मुख्य कारण अशिक्षा है। अशिक्षित होने के कारण ग्रामीण अत्यधिक आस्तिक, रूढ़िवादी और पौराणिक विचारधारा के हैं। गाँवों में साहूकारों, जमींदारों और व्यापारियों का अनावश्यक दबदबा है। किसान प्रकृति पर निर्भर करते हैं और सदैव सूखा तथा बाढ़ की चपेट में आकर नुकसान उठाते हैं। कर्जों में फंसे, तंगी में जीते, छोटे छोटे झगड़ों को निपटाने के लिए कचहरी के चक्कर लगाते हुए ये अपना जीवन बिता देते हैं।
Explanation:
ʜᴏᴘᴇ ʏᴏᴜ ғɪɴᴅ ɪᴛ ʜᴇʟᴘғᴜʟ
ᴛʜᴀɴᴋ ʏᴏᴜ