independence day pr hindi ka yogdan speech in hindi
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मुख्य अतिथि, प्रिंसिपल, शिक्षकों और मेरे प्यारे दोस्तों के लिए सुप्रभात. मैं आप सभी को एक बहुत ही स्वतंत्र स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देता हूं. आज, मुझे स्वतंत्रता दिवस पर कुछ बोलने का मौका मिला है इसमें मैं अपने आपको सम्मानित महसूस करता हूं. स्वतंत्रता दिवस एक ऐतिहासिक पर्व है, आज से 73 वर्ष पूर्व भारत को अंग्रेजों से आज़ादी मिली थी.
भारत, जिसने अपना अस्तित्व खो दिया था, को पुनः अपनी पहचान मिली. अंग्रेज भारत आए और यहां के परिवेश को बड़े ध्यान से जानने और परखने के बाद, हमारी कमजोरियों को ध्यान में रखते हुए हम पर आक्रमण किया और करीब दो सौ वर्षों तक शासन किया. हमारे वीर योद्धाओं ने कई लड़ाईयां लड़ी और उसके बाद जाके 15 अगस्त 1947 को हमें आज़ादी मिली. दिन तकरीबन 200 वर्षो से हम भारतीयों पर अत्याचार कर रहें अग्रेजी हुकूमत से हमें आजादी मिली थी, जो कि अतुलनीय है.
अंग्रेजी हुकूमत ने कई वर्षो तक हम भारतीयों पर अत्याचार किया और हमे गुलाम बनाकर रखा. एक कहावत है कि “पाप का घड़ा एक दिन अवश्य फुटता है”, और इसी कहावत के अनुसार 15 अगस्त के दिन हमें अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिली और हम पूर्ण रुप से स्वतंत्र हो गए. इस आजादी के अथक प्रयास मे हमने अपने देश के कई महान व्यक्तियों को भी खो दिया. हमारे देश मे ऐसे कई महान व्यक्तियों ने जन्म लिया जिन्होनें देश की आजादी के लिए अपनी जान तक की परवाह न की, और हंसते-हंसते देश के लिए कुर्बान हो गएं.
हमारे देश की आजादी मे सबसे महत्वपूर्ण योगदान महात्मा गांधी जी ने दिया, जिन्होनें ब्रिटिश शासन के खिलाफ सत्य और अहिंसा जैसे शस्त्र का प्रयोग कर उन्हे भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया. देश की आजादी मे कई अन्य स्वतंत्रता सेनानी जैसे जवाहर लाल नेहरु, सरदार बल्लभ भाई पटेल, सुभाष चन्द्र बोष, भगत सिहं, चन्द्रशेखर आजाद इत्यादि कई ऐसे लोग थे जिन्होने भारत की आजादी मे अपना योगदान दिया और देश को अंग्रेजों की गुलामी के चंगुल से मुक्त करवाया.
हम बहुत भाग्यशाली है जो कि इतिहास मे हमें ऐसे महान स्वतंत्रता सेनानी और क्रांतिकारी मिले और उन्होने न केवल देश को बल्कि आगे आने वाली पीढ़ियों को भी अंग्रेजों की गुलामी से आजाद करवाया. इस कारण हम आज आजाद है और दिन प्रतिदिन नई-नई उपलब्धियों और नये मुकाम को हासिल कर रहें है.
आजादी के 73 साल बाद आज हमारा देश हर क्षेत्र मे प्रगति की ओर अग्रसर है. हमारा देश हर दिन अलग क्षेत्र मे एक नया अध्याय लिख रहा है, जैसे सैन्य ताकत, शिक्षा, तकनिकी, खेल और कई अन्य क्षेत्रों मे यह हर दिन नया आयाम लिख रहा है. आज हमारी सैन्य ताकत इतनी अच्छी है कि दुनियां भर मे इसकी मिसाल दी जाती है, और कोई भी देश भारत पर आंख उठाकर देखने मे भी घबराता है. आज हमारी सैन्य ताकत आधुनिक हथियारों से लैस है, जो किसी भी दुश्मन को पलक झपकते ही मिटाने की ताकत रखता है.
जैसा कि हम जानते है कि हमारा देश प्रचीन काल से ही कृषि प्रधान देश रहा है, और 15 अगस्त 1947 के बाद हमारे कृषि क्षेत्र मे भी काफी बदलाव आया है. आजादी के बाद हम कृषि मे नई तकनिक और फसल उगाने के नये तरीकों का इस्तेमाल कर अधिक मात्रा मे फसल का उत्पाद करते है, और आज हमारा देश आनाज का निर्यात करने मे सबसे आगे है. सन् 1965 मे भारत और पाकिस्तान के युद्ध के दौरान तात्कालिक प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री ने “जय जवान जय किसान” का नारा दिया था. और आज यह नारा काफी हद तक सिध्द होता है.
आज आजादी के बाद विज्ञान के क्षेत्र मे भी हमने काफी तरक्की कर ली है. इस विज्ञानिक तकनीकी के कारण आज भारत चन्द्रमा और मंगल तक का सफर तय कर चुका है. नई विज्ञानिक तकनीकी को हर दिन नया कर हम देश को एक नई तरक्की की ओर ले जा रहे है। विज्ञान और तकनीक को हम अपने लिए हर क्षेत्र मे अपना रहे है. सैन्य, कृषि, शिक्षा के क्षेत्र मे विज्ञान और तकनीकी को अपनाकर हम खुद को प्रगतिशील देशों के समकक्ष खड़ा कर पाए है. आजादी के बाद हमने हर क्षेत्र मे प्रगति की है और रोज नये आयामों को लिख रहे है.
आजादी के इस अवसर पर जहां हम देश के प्रगति के नये आयामों के बारे मे चर्चा कर रहे है, वही हमें गुलामी के उस मंजर को कभी नही भुलना चाहिए, जहां हमारे महान स्वतंत्रता सेनानीयों ने आजादी के लिए अपनी जान तक कुर्बान कर दी. आज भी उन महान व्यक्तियों को याद कर हमारी आंखे नम हो जाती है. हमे आज के नये भारत की चकाचौध मे उन महान आत्माओं को कभी नही भूलना चाहिए जिन्होने देश की आजादी के लिए अपना सबकुछ न्यौछावर कर दिया.
आजादी की कभी शाम ना होने देंगे
शहीदों की कुर्बानी बदनाम ना होने देंगे
बची है लहू की एक बूंद भी रगों में
तब तक भारत माता का आंचल नीलाम ना होने देंगे