Indhan ki bachat samay ki mang ........... Essay needed in hindi
Answers
लाखों वर्ष पूर्व मृत वनस्पति और जीवों जैसे शैवाल और प्लवक आदि के चट्टानों के नीचे दबे रहने से , खनिज तेल का निर्माण हुआ। इसलिए इसे जीवाश्म ईंधन भी कहा जाता है।चूँकि इन्हें पुनः उत्पादित नहीं किया जा सकता ,इसलिए इन्हें अनवीकरणीय या अपूर्य ऊर्जा स्त्रोत भी कहते हैं।
त्वरित और सरल ईंधन होने के कारण पिछले कई दशकों से पेट्रोलियम ईंधन संपूर्ण विश्व में बहुतायत से उपयोग किया जा रहा है। पेट्रोलियम ईंधन की सीमित मात्रा ही उपलब्ध है इसलिए मानव समाज का दायित्व है कि इस का संरक्षण करें। अगर वर्तमान में हम खनिज तेल का संरक्षण करेंगे तो ही यह आगे आने वाली पीढ़ी को उपलब्ध होगा। साथ साथ ईंधन का संरक्षण कर हम पर्यावरण को भी कम दूषित करते हैं।
ईंधन के बचाव के लिए आज विश्व के कई संस्थान आगे आये हैं और इस दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास किये जा रहे हैं। हम भी अपने दैनिक जीवन में निम्नलिखित आदतों और उपायों को अपनाकर ईंधन संरक्षण ( conservation of fuel )में सराहनीय भूमीका निभा सकते हैं:
1.पब्लिक ट्रांसपोर्ट जैसे बस ट्रेन आदि का उपयोग करें।
2.गाड़ी को वेवजह इंजिन चालु कर न छोड़े,जैसे ट्रैफिक सिग्नल लाल होने पर इंजिन बंद कर दें।
3.घर में गैस चूल्हे को उपयोग न होने पर जलाये न रखें।
4.इंजिन की समय समय पर देखभाल करा लें।
5.गाड़ियों के टायर में उचित दबाब रखें।
6.ऑफिस में अगर कार पूल की व्यबस्था है तो उसका उपयोग करें।
7.गाड़ी माध्यम गति से चलायें एवम् ईंधन के प्रति जागरूक बने।
8.आजकल इलेक्ट्रिक एवम् हाइब्रिड वाहन भी उपलब्ध है उन्हें इस्तेमाल करें।
9.छोटी दुरी के लिए साईकिल का उपयोग भी करें और मुमकिन हो तो पैदल भी चलें।
10.घरों में बार बार खाना गर्म न करना पड़े अतः एकसाथ भोजन करें।
11.बिजली की बचत के तरीके अपनाये ताकि कोयले का संरक्षण संभव हो।
Answer:
मनुष्य ने जीवन को बेहतर बनाने के लिए अनेक अाविष्कार किए हैं। इन आविष्कारों ने हमारे जीवन को सुख-सुविधाओं से संपन्न बना दिया है। मगर इसकी कीमत भी हम ही चुका रहे हैं। कारण हमें अब पता चल रहा है। इन आविष्कारों के दुष्परिणाम अब दिखाई दे रहे हैं। ऐसे ही आविष्कारों में वाहनों का निर्माण हुआ है। वाहनों को चलाने के लिए ईंधन की आवश्यकता होती है। वे ईंधन हैं 'पेट्रोलियम तथा उससे बनने वाले अन्य ईंधन पदार्थ'।
Explanation:
ईंधन एक ऐसा पदार्थ है जो किसी भी रासायनिक प्रिक्रिया से हमें ऊर्जा प्रदान करता है। ईंधन हमारी रोजमर्रा की जिंदगी के लिए बहुत ही उपयोगी है। इनका प्रयोग खाना बनाने, वाहनों में और रेलगाड़ी चलाने में किया जाता है। कोयला, पैट्रोल और डीजल मुख्य रूप से ईंधन के रूप में प्रयोग किए जाते हैं । आज के समय में चिंतन का विषय यह है कि ईंधन की खपत अधिक है जबकि ईंधन हमारे पास केवल सीमित मात्रा में मौजूद है और यदि हम ऐसे ही निरंतर इनका अंधाधुंध प्रयोग करते रहे तो आने वाले समय में ईंधन खत्म हो जाएगा तब उस समय न हीं हमारे पास खाना बनाने के लिए कोयला या एलपीजी गैस होगी और न ही एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए वाहनों में पैट्रोल या डीजल होगा।
ईंधन की सीमित मात्रा को ध्यान रखते हुए हमें जरूरत है ईंधन सरंक्षण की। कोयला बिजली उत्पादन के लिए भी प्रयोग किया जाता है इसलिए बिजली का सीमीत प्रयोग भी कोयला सरंक्षण में मदद करता है। हमें नीजी वाहनों से स्थान पर सार्वजनिक वाहनों का प्रयोग करना चाहिए जिससे की पैट्रोल और डीजल की खपत कम होगी और वो भविष्य में प्रयोग करने के लिए भी मौजूद होंगे। वाहनों में सीएनजी का प्रयोग करके भी ईंधन को सरंक्षित किया जा सकता है। हमें प्रदुषण का स्तर भी कम करना चाहिए जिससे शेष ईंधन के स्त्रोतों को कोई भी हानि न हो। हमें ईंधनों को इस तरह से प्रयोग करना चाहिए कि आने वाली पीढ़ी भी उनसे वंचित न रहे और न ही उन्हें ईंधन की कमी के कारण महँगे दामों पर इंधन खरीदना पड़े। ईंधन हमारे जीवन के लिए बहुत ही मूल्यवान है और इसके बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। सरकार को भी ईंधन सरंक्षण के लिए सख्त नियम बनाने चाहिए और लोगों को भी उसके प्रति जागरूक करना चाहिए।
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