indhan sanrakshan in hindi
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हमारे देश में तेल और गैस उर्जा की 40% मांग पूरी करते हैं। परिवहन, उद्योग और कृषि आदि में गैस और तेल का उपयोग किया जाता है। इसके लिए 75% कच्चा तेल का आयात होता है। इसलिए ईंधन का विवेकपूर्ण उपयोग करना जरुरी है। उपभोक्ताओं को इसके बारे में जागरूक करने के लिए सरकार ने अनेक कदम उठाये हैं।
ईंधन संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए 1991 से एमओपी एवं एनजी ने हर वर्ष पूरे देश में तेल संरक्षण सप्ताह (ओसीडब्लू) मनाना शुरू किया। यह अभियान बहुत सफल रहा। 2004 से इसे तेल एवं गैस संरक्षण पखवाड़ा या ओजीसीएफ जैसे मनाया जाता है।
इस अभियान में लोगों को ईंधन का सही उपयोग करने का महत्त्व और तरीका बताया जाता है। यह 15 दिन का कार्यक्रम होता है। इसके अंतर्गत तकनीकी सेमिनार, प्रश्नोत्तरी, विचार गोष्ठी, चित्रकला प्रतियोगिता, साइकिल रैलियां आदि आयोजित की जाती हैं। इनके द्वारा ईंधन संरक्षण का प्रचार किया जाता है।
इस प्रकार सही जानकारी पाकर आम उपभोक्ता तेल और गैस के संरक्षण में काफी योगदान दे सकता है।
आज हम सब अपनी प्राकृतिक संसाधनों को बर्बाद करने की दौड़ में हैं क्योंकि हमारी लापरवाही और अज्ञानता केवल पेट्रोल या डीजल ही नहीं बल्कि प्राकृतिक गैस, प्रोपेन और तेल जैसे अन्य सभी प्रकार के ईंधन बहुत जल्द ही गायब हो जायेंगे। यहां हम बेहतर पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए सहेजें ईंधन के कुछ सुझावों के साथ हैं।
अपनी गाड़ी चलाते समय गति धीमी हो जाती है और गति की गति को छूने के रूप में गति को ईंधन की खपत को बढ़ाता है जिससे ईंधन अर्थव्यवस्था कम हो जाती है। ज्यादा क्लच और अनावश्यक रूप से उपयोग करने से बचें क्योंकि इससे ईंधन की अतिरिक्त खपत होगी। शहर के चारों ओर चलाते समय एयर कंडीशनर बंद करे
आप कुशलता से खाना पकाने के द्वारा रसोई में ईंधन बचा सकते हैं। पैन को कवर पैन में गर्मी रखता है, भोजन को खाना बनाती है जितना भी आप की आवश्यकता होती है उतनी अधिक पानी नहीं गरम करना प्रोपेन बचाता है।