India rastramanadal ka sadhsya profit and loss in hindi at dristi ias
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ष्ट्रमंडल की नींव 19वीं शताब्दी के उपनिवेशवादी सिद्धांत पर आधारित है।
ब्रिटिश तथा उपनिवेशी प्रधानमंत्रियों का पहला सम्मेलन 1887 में हुआ था तथा इसके बाद समय-समय पर इसका आयोजन होता रहा।
आगे चलकर 1911 में इंपीरियल सम्मेलन की स्थापना हुई तथा इस संघ का नाम 1920 के दशक में ब्रिटिश कॉमनवेल्थ रखा गया।
उस समय यह ब्रिटिश साम्राज्य--यूनाइटेड किंगडम, दक्षिण अफ्रीका, कनाडा, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और आयरलैंड सहित छह ‘गोरे’ स्वशासी आयामों का एक परामर्श समूह था।
ब्रिटिश क्राउन के साथ गठबंधन होना सदस्यता की पूर्वापेक्षा थी।
1971 में राष्ट्रमंडल प्रक्रिया स्थापित की गई तथा राष्ट्रमंडल शासनाध्यक्षों की बैठक की प्रक्रिया निर्धारित की गई। इसकी पहली बैठक का आयोजन 1971 में सिंगापुर में हुआ था।
इस समूह में ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, सिंगापुर जैसे विकसित देश और मालदीव, टोंगा तथा नौरू जैसे छोटे द्वीपीय देश शामिल हैं।