Indian ke bachat ke example
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वित्तीय लक्ष्य
सबसे पहले आप छोटी और लंबी अवधि के वित्तीय लक्ष्य बनायें. इससे आप कमाई और खर्च के बीच संतुलन बना सकेंगे. क्या आपको कार खरीदना है, घर बनाना है, बच्चे की पढ़ाई/शादी के लिए फंड जुटाना है?
अगर हां तो इसके लिए बचत बहुत जरूरी है. लक्ष्य सामने होने पर बचत करना आसान हो जाता है. आपमें उस लक्ष्य को पाने के लिए एक प्रेरणा जगती है. हो सकता है कि वित्तीय लक्ष्य पाने के लिए आपको अपने लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करना पड़े.
जहां बहुत जरूरी हो वहीं पैसे खर्च करें. लंबी अवधि के वित्तीय लक्ष्य के हिसाब से निवेश की भी रणनीति बनायें. इसके लिए आप किसी इक्विटी म्यूचुअल फंड में एसआईपी (SIP) शुरू कर सकते हैं.
2. क्रेडिट कार्ड खर्च पर नियंत्रण
ज्यादातर लोग क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं, क्योंकि यह जरूरत के वक्त पैसे की उपलब्धता सुनिश्चित करता है. आप क्रेडिट कार्ड से उतनी ही रकम खर्च करें जितना आपके बैंक अकाउंट में पहले से हो या जितनी आमदनी की उम्मीद हो.
क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल में सबसे बड़ी बात यह है कि आप एक महीने में जितना भुगतान कर सकते हैं, उससे अधिक खर्च न करें. यह ध्यान रखें कि क्रेडिट कार्ड का बिल समय पर नहीं चुकाने पर एक तरफ जहां आपको 40 फीसदी तक ब्याज चुकाना पड़ता है, वहीं दूसरी तरफ आपका क्रेडिट स्कोर भी खराब होता है.
3.कर्ज से जल्द छुटकारा पायें
आपको अपने सभी कर्ज जल्द चुकाने की कोशिश करनी चाहिए. आपके पास जो भी नकदी हो या बोनस आदि के रूप में आमदनी हो, उससे महंगे लोन को खत्म करने के प्रयास करें.
क्रेडिट कार्ड का बिल पेमेंट करते वक्त कोशिश करें कि सारा बिल एक बार में चुका दिया जाय. अगर आपने सिर्फ न्यूनतम रकम का भुगतान किया तो बाकी बचे रकम पर आपको मोटा ब्याज चुकाना होगा.
4. इमरजेंसी फंड बनायें
बचत के साथ वित्तीय सुरक्षा भी जरूरी है. आप सबसे पहले अपने लिए इमरजेंसी फंड बनायें. यह किसी आकस्मिक स्थिति में आपके लिए कवच का काम करता है.
वित्तीय सलाहकार कहते हैं कि इमरजेंसी फंड के रूप में कम से कम छह महीने का घर खर्च रखने से आपात स्थिति में आपको इससे मदद मिलती है. आप वास्तव में दोस्तों, रिश्तेदारों या सहकर्मियों से उधार मांगने से बच जाते हैं.