Indradhanush ke saath Rang Rahe Hamesha sang sang par Kahani Banaye
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बारिश मुझे हमेशा से ही पसंद है । क्यूंकि बारिश के बाद मुझे इंतज़ार रहता है उस रंगों से भरे आसमान का ।वो नज़र तो मानो सूरज को विभिन्न रंगों में देखा हो ।असल में सूर्य का प्रकाश हमें सफेद सा दिखाई पड़ता है. लेकिन यह सात अलग अलग रंगों से मिलकर बना होता है।
मुझे हमेशा से इंद्रधनुष के रंगो की जानकारी जानने की जिज्ञासा रही है ।मुझे याद है वो रात जब बहोत बारिश हुई ।मैं मायूस था क्यूंकि मुझे रात को इंद्रधनुष देखने को नहीं मिलना था पर ख़ुशी थी की मुझि दादी माँ द्वारा उसके बारे मैं जानने का मौका मिला कुछ इस प्रकार
इंद्रधनुष में बैंगनी, नीला, आसमानी, हरा, पीला, नारंगी और लाल रंग दिखाई पड़ता है. यही सात रंग साथ मिलकर सफेद प्रकाश बनाते हैं. लेकिन रास्ते में प्रिज्म या बूंदों के आते ही सातों रंग अलग अलग दिखाई पड़ते हैं.
बारिश की रिमझिम बूंदों के बीच अगर धूप भी हो तो सूर्य की तरफ मुंह कर लीजिए, कहीं न कहीं आपको इंद्रधनुष दिखाई पड़ेगा. इसके अलावा विशाल झरनों के पास भी आम तौर पर हमेशा दिन के वक्त इंद्रधनुष दिखाई पड़ता है.
कई बार ऐसा होता है कि एक नहीं बल्कि दो-दो इंद्रधनुष दिखाई देते हैं. ऐसा तब होता है जब एक ही जगह मौजूद बूंदों के बार बार धूप के संपर्क में आने पर दो इंद्रधनुष दिखाई पड़ते हैं. पहले इंद्रधनुष से निकली रंगीन रोशनी जैसे ही सफेद में बदलती है, वैसे ही उसका संपर्क दूसरी बूंदों से हो जाता है और फिर प्रकाश अलग अलग रंगों में बिखर जाता है, लेकिन उसके रंग उल्टे क्रम में होते हैं.
इतना अधिक मुझे पहले न पता था फिर मैं मन मैं ही बोल पड़ा इंद्रधनुष के सात रंग रहे हमेशा संग संग ....रात को उसे गाने की तरह गाता हुआ कब सोया पता ही न चला पर अगली सुबह बहुत सकुन भरी थी ।